भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के सनसनीखेज खुलासे के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, माल्या द्वारा भारत छोड़ने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी मुलाकात का दावा करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, जेटली ने माल्या के बयान को ‘‘तथ्यात्मक तौर पर गलत’’ करार दिया है।
फाइल फोटो- @INCIndiaभगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली की मुलाकात के मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (14 सितंबर) को सीधे तौर पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया और कहा कि यह समझ नहीं आ रहा कि इतने गंभीर और बड़े मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजाजत के बिना सीबीआई ने लुकआउट नोटिस बदला होगा।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ”सीबीआई ने बड़ी खामोशी से डिटेन नोटिस को इन्फॉर्म नोटिस में बदल दिया जिससे माल्या देश से बाहर भाग सका। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। ऐसे में यह समझ से परे है कि इतने बड़े और विवादित मामले में सीबीआई ने प्रधानमंत्री की अनुमति के बगैर लुकआउट नोटिस बदला होगा।”
Mallya’s Great Escape was aided by the CBI quietly changing the “Detain” notice for him, to “Inform”. The CBI reports directly to the PM. It is inconceivable that the CBI, in such a high profile, controversial case, would change a lookout notice without the approval of the PM.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 14, 2018
बता दें कि राहुल गांधी ने गुरुवार (13 सितंबर) को भी इस मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि ‘जेटली की मिलीभगत’ से माल्या भागने में सफल रहा। दरअसल, माल्या ने बुधवार (12 सितंबर) को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी।
उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।