देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच सोमवार (3 सितंबर) को देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर आग लग गई है। सोमवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 31 पैसे का इजाफा हुआ, वहीं डीजल की कीमतों 39 पैसे बढ़ गई है। मुंबई में तो पेट्रोल 86.56 रुपए प्रति लीटर तक हो गया है, जो किसी भी मेट्रो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा रेट है।
सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 31 पैसे महंगा होकर 79.15 रुपये लीटर और डीजल 39 पैसे की वृद्धि के बाद 71.15 रुपये लीटर हो गया है। वहीं, मंबई में पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए है। मुंबई में 31 पैसे महंगा होने के बाद पेट्रोल की नई कीमत 86.56 रुपये लीटर है और डीजल के दाम में 44 पैसे की तेजी के बाद यह 75.54 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
Petrol at Rs 79.15/litre (increase by Rs 0.31/litre) and diesel at Rs 71.15/litre (increase by Rs 0.39/litre) in Delhi. Petrol at Rs 86.56/litre (increase by Rs 0.31/litre) and diesel at Rs 75.54/litre (increase by Rs 0.44/litre) in Mumbai pic.twitter.com/LCcn8S22p4
— ANI (@ANI) September 3, 2018
आपको बता दें कि इस सप्ताह डीजल भी अपने पिछले सर्वकालिक उच्च स्तर को पार कर गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा महंगा होने की वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रही हैं। तेल कंपनियां 26 अगस्त से लगातार पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ा रही हैं। आपको बता दें कि सरकारी तेज कंपनियां ग्राहकों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रहे भाव के हिसाब से दाम वसूलती है। इसके अलावा ये कंपनियां रुपए की दर और टैक्स को जोड़ती हैं।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 71 के निचले स्तर को पार कर चुका है। एक महीने में डॉलर के मुकाबले 2.5 रुपए की कमजोरी आई है। कच्चे तेल की इस साल ज्यादा मांग रहने के कारण इसकी कीमत ज्यादा रहने की संभावना है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी के कारण CNG और PNG के भी दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। प्राकृतिक गैस के दाम की भी इस महीने समीक्षा होनी है। इसके दाम 14 फीसदी बढ़ने की संभावना है।
सरकार ने तोड़ी चुप्पी
इस बीच पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ने के पीछे ‘बाहरी कारक’ जिम्मेदार हैं और ईंधन कीमतों में बढ़ोत्तरी का यह दौर अस्थायी है। एक सम्मेलन से इतर पत्रकारों से चर्चा में प्रधान ने कहा कि कच्चे तेल में उत्पादन की कमी घरेलू बाजार में ईंधन की कीमतें बढ़ने का एक बड़ा कारण है।
उन्होंने कहा, ‘मैं दो बातें स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं। पहली, तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने अपना तेल उत्पादन बढ़ाकर प्रतिदिन 10 लाख बैरल करने का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं किया। इसके अलावा वेनेजुएला और ईरान जैसे तेल उत्पादक देशों में संकट बढ़ रहा है।’