बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर हमेशा से ही अपने बयानों के कारण चर्चा में बनीं रहतीं हैं। स्वरा बॉलीवुड की ऐसी एक्ट्रेस हैं जो सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहती हैं यही अपने बेबाकी की वजह से वह अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। इस बार भी वह अपने बेबाकी की वजह से फिर से मीडिया की सुर्खियों में आ गई हैं। स्वरा भास्कर ने भीमा कोरोगांव हिंसा मामले में हुई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है। स्वरा ने कहा कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया वो आज सत्ता में हैं।
Photo Credit: Shanker Chakravarty/The Hinduस्वरा ने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले लोग आज सत्ता में हैं। साथ ही अभिनेत्री ने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को हमें जेल में डाल देना चाहिए। स्वरा के इस बयान को पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से जोड़कर देखा जा रहा है। इंडियन वीमन प्रेस कॉर्प्स की ओर से शनिवार (1 सितंबर) को आयोजित एक कार्यक्रम में स्वरा ने कहा कि लोगों को उनके कर्मों के लिए दंडित किया जाना चाहिए, न कि उनके विचारों और सोच के लिए।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए स्वरा ने अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब खालिस्तान का मुद्दा पंजाब में चल रहा था तो वहां बहुत सारे ऐसे लोग थे जो भिंडरावाले को संत बुलाते थे। संत जनरैल के नाम से बुलाते थे, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे?
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे देश में जब महात्मा गांधी जैसे महान नेता की हत्या हुई, उस वक्त भी कुछ लोग जश्न मना रहे थे। आज वे सत्ता में हैं। क्या हम उनको जेल में डाल देना चाहिए…? जाहिर है नहीं। इसका जवाब है नहीं।’ इस दौरान स्वरा ने यह भी कहा कि एक खून का प्यासा समाज बनना कोई अच्छी बात नहीं है।
#WATCH: Actor Swara Bhaskar in an interaction with media in Delhi says, 'Is desh mein Mahatma Gandhi jaise mahaan insaan ki hatya hui, us waqt bhi kuch aise log the jo celebrate kar rahe the unki hatya ko, aaj wo satta mein hain, un sabko daal dena chahiye jail mein?' pic.twitter.com/06tSMpo0d1
— ANI (@ANI) September 1, 2018
आपको बता दें कि पुणे पुलिस ने कई राज्यों में 28 अगस्त को प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापा मारा था और उनमें से पांच, वरवरा राव, वेरोन गोंजाल्विस, अरुण फेरारिया, सुधा भारद्वाज और गौतम नवालखा, को गिरफ्तार किया था। एल्गार परिषद की जांच को लेकर ये छापे मारे गये थे। इस परिषद की वजह से कथित रूप से अगले दिन कोरेगांव भीमा में हिंसा फैली थी।