विख्यात जैन मुनि तरुण सागर महाराज का शनिवार (1 सितंबर) को निधन हो गया है। वे 51 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से पीलिया से पीड़ित थे। जैन मुनि का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली। कई दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
बताया जा रहा है उन पर दवाओं का असर होना बंद हो गया था। कहा यह भी जा रहा है कि जैन मुनि ने इलाज से इनकार कर दिया था, जिससे बीमारी बढ़ गई। जैन मुनि तरुण सागर का अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे स्थित तरुणसागरम तीर्थ पर होगा। उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुर से शुरू होकर 28 किमी दूर तरुणसागरम पर पहुंचेगी।
आपको बता दें कि जैन मुनि तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर थे। उनके प्रवचन इसी नाम से किताब की शक्ल में प्रकाशित भी किए गए हैं। उनका जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था, उन्होंने 14 साल की उम्र में दीक्षा ली थी। उनकी माता का नाम शांतिबाई जैन और पिता का नाम प्रताप चंद्र जैन था। अपने क्रांतिकारी प्रवचनों की वजह से तरुण सागर को क्रांतिकारी संत का तमगा मिला हुआ था।
जैन मुनि ने कड़वे प्रवचन नाम से एक बुक सीरिज शुरू की थी। जिसके लिए वह काफी चर्चित रहते थे। उन्होंने कहा था कि यदि कोई शख्स तुम्हारी वजह से दुखी होता है तो समझ लो यह तुम्हारे लिए सबसे बड़ा पाप है। ऐसे काम करो जिससे लोग तुम्हारे जाने के बाद दुखी होकर आंसू बहाएं, तभी तुम्हें पुण्य मिलेगा।
जैन मुनि के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने उनके साथ की पुरानी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट कर कहा कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन पर गहरा दुख हुआ है। हम उन्हें उनके उच्च विचारों और समाज के लिए योगदान के लिए याद करेंगे। उनके विचार लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।
Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
बताया जा रहा है कि मुनिश्री अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संलेखना (आहार-जल न लेना) कर रहे थे। वे जिस कमरे में ठहरे थे, वहां पर सिर्फ जैन मुनियों और शिष्यों को ही जाने की इजाजत थी। दिगंबर जैन महासभा के अध्यक्ष निर्मल सेठी ने बताया कि मुनिश्री तरुण सागर को देखने पांच जैन संत दिल्ली पहुंच रहे हैं।
इनमें सौभाग्य सागर महाराज शामिल हैं। पुष्पदंत सागर महाराज जो उनके गुरु बताए जाते हैं उन्होंने मुनिश्री की तबीयत खराब होने के संबंध में एक वीडियो मैसेज जारी किया था। वीडियो मैसेज के जरिए उन्होंने महाराज का समाधि महोत्सव मनाने की अपील की है।