दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार (28 अगस्त) को कहा कि केंद्र सरकार ने अंतत: उन्हें मॉस्को में होने वाले विश्व शिक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है।
फाइल फोटो: मनीष सिसोदियाबता दें कि इससे पहले कल रात उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है। सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में उनकी सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किये गए सुधारों के बारे में संबोधित करने के लिए उन्हें इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, आप नेता ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘मुझे विश्व शिक्षा सम्मेलन, मॉस्को में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधारों के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित किया गया था। मुझे आज रात रवाना होना था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी, यह पिछले दस दिन से लंबित है।’
उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते हैं कि दिल्ली सरकार के कार्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचे। सिसोदिया ने हालांकि आज ट्वीट कर कहा, ‘आखिरकार भारत सरकार ने मुझे विश्व शिक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने की इजाजत दे दी है, जो पिछले दस दिन से लंबित थी।’ उन्होंने विश्व भर के शिक्षा मंत्रियों के सामने भारत की ज्ञान की विरासत को पेश करने को सौभाग्य की बात बताया है।
बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुए व्यापक बदलाव को लेकर देश-विदेश में सिसोदिया की जमकर सराहना हो रही है। दिल्ली सरकार ने अभी हाल ही में नर्सरी से कक्षा 8 के बच्चो के लिए हैप्पीनेस क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है। जिसमें प्रतिदिन एक पीरियड हैप्पीनेस विषय का होगा। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस फैसले की तारीफ की है।
These Indian schools are giving lessons in happiness https://t.co/gXUQzN0hqV #India #education pic.twitter.com/rU9uxSk4Xj
— World Economic Forum (@wef) August 27, 2018