छत्तीसगढ़: रायपुर के जिलाधिकारी ओपी चौधरी ने दिया इस्तीफा, BJP के टिकट पर लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव

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छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की खबरों के बीच रायपुर जिले के जिलाधिकारी ओपी चौधरी ने अपने पद और सर्विस से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं कि ओपी चौधरी बीजेपी में शामिल होकर राजनीति के मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, अभी तक ना तो बीजेपी और ना ही खुद ओपी चौधरी की ओर से ऐसा कोई संकेत सामने आया है।

IAS ओपी चौधरी (फोटो साभार: फेसबुक)

समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2005 बैच के अधिकारी ओ पी चौधरी ने अपना इस्तीफा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दिया है। बहरहाल, चौधरी इस पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। हालांकि उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट एक पोस्ट कर अपने पद और IAS की नौकरी से इस्तीफे के बारे में जानकारी दी है।


मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। हालांकि बीजेपी ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। पार्टी ने कहा है कि अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस साल अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित जिले दांतेवाड़ा में शिक्षा-व्यवस्था में बदलाव करने का श्रेय दिया जाता है।

ऐसी खबरें हैं कि वह बीजेपी में शामिल होकर आने वाले विधानसभा चुनाव में खरसिया से चुनाव लड़ सकते हैं। ओपी चौधरी भी अघरिया समुदाय से आथे हैं, जिसका कि रायगढ़ में अच्छा-खासा प्रभाव है। ऐसे में बीजेपी के लिए चौधरी पर दांव लगाना फायदे का सौदा हो सकता है। ओपी चौधरी को नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास के लिए बेहतर काम करने के चलते 2011-12 में प्रधानमंत्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कांग्रेस का गढ़ है रायगढ़

यह सीट रायगढ़ जिले में कांग्रेस का गढ़ है। वहीं चौधरी का पैतृक नगर है। राज्य में पूर्व कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल के बेटे खरसिया से कांग्रेस के विधायक हैं। नंद कुमार पटेल की मौत 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले झीरम घाटी में नक्सल हमले में हो गई थी। चौधरी का ताल्लुक पटेल के अघरिया समुदाय से है। यह रायगढ़ का प्रभावशाली ओबीसी समुदाय है और अगर चौधरी को यहां से टिकट दिया जाता है तो चौधरी कांग्रेस के पारंपरिक वोट में सेंध लगा सकते हैं।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी विधानसभा सीट के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं। राज्य बीजेपी  के महासचिव संतोष पांडे ने बताया, ”अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से चौधरी के बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि नहीं की गई है और अगर ऐसा कुछ है तो शीघ्र ही स्पष्ट हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि अगर आईएएस और आईपीएस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो यह एक अच्छी बात है।

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