भारतीय सियासत के अमिट हस्ताक्षर एवं कालजयी स्तम्भ पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार (23 अगस्त) को सड़क मार्ग से ग्यारह किलोमीटर पैदल चलकर राजधानी रांची के नामकुम इलाके में स्वर्ण रेखा नदी में प्रवाहित किया।
राजधानी रांची में हरमू स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय से गुरुवार दोपहर बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश लेकर स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास पैदल निकले और उनके साथ आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, झारखंड के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह एवं हजारों आम लोग जुलूस में शामिल थे।
अस्थि कलश लेकर मुख्यमंत्री एवं हजारों अन्य लोग देर शाम राजधानी के विभिन्न इलाकों से होते हुए नामकुम में स्वर्ण रेखा नदी के तट पर पहुंचे जहां उन्होंने अटल बिहारी अमर रहे के नारों के बीच अस्थि कलश को स्वर्ण रेखा नदी में प्रवाहित किया। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने बताया कि वाजपेयी के अस्थि कलश राज्य की शेष चार प्रमुख नदियों में कल प्रवाहित किए जाएंगे।
इससे पूर्व दिल्ली से वाजपेयी का अस्थि कलश लेकर बुधवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ और प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा यहां पहुंचे थे। देश की राजधानी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह एवं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हाथों पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश मंगलवार को उन्होंने ग्रहण किया था। हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री रघुवर दास तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने स्वयं अस्थि कलश ग्रहण किया।
राज्य सरकार ने शहर के मध्य में कल शाम पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सभा का आयोजन किया जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त, सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री अशोक भगत समेत तमाम गणमान्य लोगों तथा विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार (17 अगस्त) पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कृतज्ञ राष्ट्र ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ अपने इस महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम विदाई दी। वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया। उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्या ने उन्हें मुखाग्नि दी।
पूर्व प्रधानमंत्री का गुरुवार (16 अगस्त) शाम निधन हो गया था। भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में गुरुवार शाम 5.05 बजे अंतिम सांस ली। 93 वर्षीय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम होने और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था।