भारतीय सियासत के अमिट हस्ताक्षर एवं कालजयी स्तम्भ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार (17 अगस्त) पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कृतज्ञ राष्ट्र ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ अपने इस महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम विदाई दी। अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया। उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्या ने उन्हें मुखाग्नि दी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश में शोक की लहर है। पूरे देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। इसी कड़ी में औरंगाबाद महानगर पालिका में भी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि का प्रस्ताव लाया गया। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के पार्षद सैयद मतीन ने इसका विरोध किया।
महानगर पालिका में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दिए जाने का विरोध करने पर वहां मौजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पार्षद नाराज हो गए। मामला इतना बढ़ गया कि नाराज बीजेपी पार्षद AIMIM के पार्षद सैयद मतीन को दौड़ा-दौड़कर पिटाई कर दी। इस घटना के बाद सभी पार्षदों ने सैयद मतीन को निलंबित करने की मांग की है।
बता दें कि लंबी बीमारी के बाद वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में गुरुवार शाम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार यमुना नदी के किनारे स्थित ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पर किया गया। इससे पहले वाजपेयी की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। उमसभरी गर्मी के बीच हजारों की संख्या में लोग सात किलोमीटर मीटर लम्बे मार्ग पर वाहन के साथ चल रहे थे। अंतिम यात्रा के दौरान लोग ‘‘अटल बिहारी अमर रहे’’ जैसे नारे लगा रहे थे।