करीब दो माह से अधिक समय से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों के तमाम नेता उनसे मिलने एम्स पहुंचे हैं। बता दें कि वाजपेयी पिछले कुछ दिनों से वेंटीलेटर पर हैं।
इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य को लेकर कुछ देर पहले देश के प्रमुख समाचार चैनल इंडिया टीवी द्वारा चलाया गया एक न्यूज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। दरअसल, इंडिया टीवी ने लाइव जीवित अटल बिहारी वाजपेयी को मृत घोषित कर दिया। जिसके वह सोशल मीडिया के निशाने पर आ गया। इंडिया टीवी का यह स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
अगर ये @ndtv ने किया होता तो हमें अगले 93 साल तक ट्रोल किया जाता @mohitbakshi88 @scribe_prashant pic.twitter.com/3OWnpoHkJQ
— Saurabh shukla (@Saurabh_Ndtv) August 16, 2018
India tv just now flashed …whats this? pic.twitter.com/1vHIpG7cz8
— Shreesitaram Tower (@ShreesitaramT) August 16, 2018
Republic Why India TV is showing this ? confused pic.twitter.com/PW0F8HiU9M
— muralidhar (@muralidhar8) August 16, 2018
आज की मीडिया trp के चक्कर मे कुछ भी दिखा देती है शर्म करो…#IndiaTv pic.twitter.com/0i23FAYXxA
— Ravindra Roy (@RavindarRai5) August 16, 2018
India TV ko badi jaldi hai #AtalBihariVaajpayee ji ke nidhan ki ?? @indiatvnews @IndiaTVHindi pic.twitter.com/XfBLPecWrl
— Literally no-one™ (@shuklazy) August 16, 2018
इंडिया टीवी के अलावा कई समाचार चैनलों ने भी जल्दबाजी में अटल जी के मौत की खबर चला दी थी। सोशल मीडिया यूजर्स चैनलों पर टीआरपी के चक्कर में फर्जी न्यूज चलाने का आरोप लगा रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स के मुताबिक सबसे पहले यह फर्जी न्यूज दूरदर्शन पर चला था, जिसके बाद सभी चैनल चलाने लगे।
#atalji के निधन की ब्रेकिंग न्यूज चलाकर दूरदर्शन ने चुपके से हटाया, डीडी के फ्लैश को कोट करते हुए कई चैनलों ने भी. ग़लती शायद इसलिए हुई क्योंकि गृह मंत्री राजनाथ को लोगों ने यह कहते सुना कि "वे एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे", ये बात वे दिवंगत बीडी टंडन के बारे में कह रहे थे.
— Rajesh Priyadarshi (@priyadarshibbc) August 16, 2018
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था। एम्स की ओर से जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री की हालत वैसी ही बनी हुई है। उनकी हालत नाजुक है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को शाम वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गए थे। मोदी करीब सवा सात बजे अस्पताल पहुंचे थे और वह करीब 50 मिनट तक वहां रूके। पीएम मोदी गुरुवार को दोबारा उनसे मिलने एम्स पहुंचे। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू गुरुवार सुबह पूर्व प्रधानमंत्री का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। बीजेपी के अनुभवी नेता और वाजपेयी के करीबी रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी उनका कुशलक्षेम जानने एम्स पहुंचे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर भी एम्स पहुंचे। देर रात केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, जितेन्द्र सिंह, हर्षवर्द्धन और शाहनवाज हुसैन सहित कई नेता और मंत्री अस्तपाल गये थे।
इससे पहले केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी वाजपेयी का हाल जानने अस्पताल गयी थीं। वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में ताजी जानकारी प्राप्त करने के लिए अस्पताल के बाहर भारी संख्या में मीडियाकर्मी और अन्य लोग मौजूद हैं जिसके कारण सड़क पर यातायात प्रभावित हो रही है।
अस्पताल के बाहर भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मधुमेह से ग्रस्त वाजपेयी की एक ही किडनी काम करती है। वर्ष 2009 में उन्हें आघात आया था, जिसके बाद उन्हें लोगों को पहचानने की दिक्कत होने लगी थी। बाद में उन्हें डिमेंशिया हो गया।