ABP न्यूज़ से इस्तीफा देने के बाद पुण्य प्रसून बाजपेयी ने पहली बार मोदी सरकार पर किया सीधा हमला

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देश के प्रमुख हिंदी समाचार चैनल ABP न्यूज में पिछले दिनों भारी उथल पुथल देखने को मिला। मोदी सरकार के आलोचक के रूप में चैनल में कार्यरत प्रमुख नामों को या तो इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया गया या उन्हें रिपोर्ट ना करने के लिए निर्देश दे दिया गया। मोदी सरकार के कार्यों को लेकर सवाल पूछने वाले चैनल में कार्यरत कई पत्रकारों को तो जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है।

ABP न्यूज़ में 1-2 अगस्त को जो कुछ हुआ, वह काफी भयानक था। 24 घंटे के अंदर चैनल के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर और वरिष्ठ पत्रकार व एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ABP न्यूज से इस्तीफा दे दिया। प्रसून के अलावा अभिसार शर्मा को भी लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। बता दें कि बाजपेयी का ‘मास्टर स्ट्रोक’ शो हर रोज सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे आता था।

माना जा रहा है कि मिलिंद खांडेकर और पुण्य प्रसून बाजपेयी की विदाई ‘मास्टरस्ट्रोक’ के कारण ही हुई है। देश के वरिष्ठ पत्रकारों में से एक बाजपेयी अपने शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ से मोदी सरकार की ना​कामियों और जनता से किए कथित झूठे वादों का सच उजागर कर रहे थे। जिसके चलते अब उन्हे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है।

बाजपेयी ने ट्वीट कर किया मोदी सरकार पर हमला

ABP न्यूज चैनल से मिलिंद खांडेकर और पुण्य प्रसून बाजपेयी को कथित तौर पर हटाने का मुद्दा लोकसभा में भी उठा था। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने की वजह से चैनल पर दबाव डालकर संपादक और एंकर को हटाया गया। वहीं, सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उस चैनल की टीआरपी गिर रही थी।

सोशल मीडिया से लेकर संसद तक जारी घमासान के बीच चैनल से इस्तीफे के बाद पुण्य प्रसून बाजपेयी ने पहली बार ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधा है। प्रसून ने ट्वीट में लिखा है, “मीडिया का काम है सरकार के काम काज पर निगरानी रखे…पर हो गया उल्टा , सरकार ही रखने लगी मीडिया पर निगरानी…”

सोशल मीडिया पर पुण्य प्रसून बाजपेयी का यह ट्वीट वायरल हो गया है। खबर लिखे जाने तक बाजपेयी का यह ट्वीट 2200 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है, जबकि करीब 6 हजार से अधिक लोगों ने लाइक किया है। वहीं 500 से अधिक लोगों ने इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

संसद में भी उठा मामला

बता दें कि सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज़ को लेकर वायरल हो रही खबर शुक्रवार को लोकसभा में भी चर्चा में आ गई। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चैनल के मैनेजिंग एडिटर और एंकर को कथित तौर पर हटाए जाने को मोदी सरकार की ओर से मीडिया को ‘धमकाने’ और ‘मुंह बंद’ करने का मामला बताया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की आलोचना करने के लिए ही एबीपी न्यूज के एडिटर मिलिंद खांडेकर और एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी के साथ एक एंकर को हटा दिया गया है।

कांग्रेस नेता खड़गे के मुताबिक किसानों का आय दोगुनी करने के पीएम मोदी के दावे की हकीकत बताने की वजह से सरकार चैनल से नाराज थी, इसलिए तीन कर्मचारियों को हटाकर चैनल का मुंह बंद करने की कोशिश की गई। खड़गे ने दावा किया कि राज्यसभा के एक सीनियर सदस्य ने संसद के सेंट्रल हॉल में मीडिया को चैलेंज करते हुए कहा था कि अगर आप हमारे विचारों पर नहीं चलेंगे तो हम आपका चैनल बंद करवा देंगे।

वहीं, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कांग्रेस के आोरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये चैनल का आंतरिक मामला है और इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं और उस चैनल की टीआरपी लगातार गिर रही थी और कोई उसे देखना नहीं चाहता था। राजवर्धन सिंह राठौर ने बिना किसी का नाम लिए बगैर कहा कि खड़गे जिस चैनल की बात कर रहे हैं उसने पहले खबर गलत चलाई थी, फिर भी सरकार ने उसे कोई कारण बताओ नोटिस नहीं भेजा और जो कुछ हुआ उसकी वजह चैनल की दर्शकों में गिरती लोकप्रियता रही होगी।

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