मुस्लिम होने के चलते पड़ोसियों ने डॉक्टरों को फ्लैट खाली करने को कहा, मकान मालिक पर बना रहे दबाव

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देश में इस वक्त राजनेताओं द्वारा ऐसा माहौल बना दिया गया है कि किराए पर मकान ढूंढने के लिए भी किसी विशेष धर्म और जाति का होना अभिशाप बन गया है। ताजा मामला पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आया है जहां चार डॉक्टरों को मुस्लिम होने की वजह से पड़ोसियों द्वारा फ्लैट खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ये चारों डॉक्टर कोलाकाता के कुड्डाघाट इलाके में स्थित फ्लैट में रहते हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

लेकिन यहां किराए के मकान पर रहने के लिए उनका धर्म आड़े हाथों आ रहा है और इसी के चलते वह फ्लैट छोड़ने को मजबूर हैं। ये सभी पूर्व छात्र राज्य के कई अस्पतालों हाउस स्टाफशिप पर कार्यरत हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इन चारों डॉक्टरों का नाम आफताब आलम, मोज्तबा हसन, नासिर शेख और सौकत शेख है जिन्होंने दो महीने पहले ही कुड्डाघाट में किराए पर एक फ्लैट लिया था।

हावड़ा जिले के निवासी आफताब आलम ने अखबार को बताया, ‘हमारे मकान मालिक को हमसे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन शुरुआत से ही हमारे कुछ पड़ोसी हमारे सामने परेशानियां खड़ी करते आए हैं। सोमवार को चीजें और खराब हो गईं जब हमारा एक दोस्त हमने मिलने आया। कुछ पड़ोसियों ने उससे सवाल पूछने शुरू कर दिए और उससे उसकी पहचान का सबूत मांगने लगे। उनमें से एक अधेड़ उम्र शख्स ने हमें कहीं और घर ढूंढने को कहा क्योंकि हम मुस्लिम हैं।’

हालांकि अभी इन्होंने फ्लैट तो नहीं छोड़ा है लेकिन उनका कहना है कि हम शिफ्ट करने का विचार बना चुके हैं। ऐसे माहौल में कोई शांति से नहीं रह सकता है। उन्होंने बताया कि, ‘इससे पहले भी हमारे धर्म की वजह से कई मकान मालिकों ने किराए पर कमरा देने से इनकार कर दिया था। हमें यह फ्लैट भी कई हफ्तों तक इधर-उधर भटकने के बाद मिला था।’

इस बारे में मकान मालिक ने अखबार को बताया, ‘कुछ पड़ोसियों ने मेरे फैसले का विरोध किया था। उनकी एकमात्र दिक्कत मेरे किराएदारों का धर्म है।’ उन्होंने कहा कि अगर मुझे अपने किराएदारों को घर से निकालने पर मजबूर होना पड़ता है तो यह समाज में खराब उदाहरण के रूप में पेश होगा। लेकिन मेरे ऊपर काफी दबाव है।’

रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में उन्होंने एक वॉलनटिअर्स ग्रुप संघाती अभिजान की मदद ली है। संघाती अभिजान की ओर से द्वाईपयन बनर्जी ने बताया, ‘हमारे सदस्य एक जनरल डायरी फाइल करेंगे। हम पड़ोसी और स्थानीय म्युनिसिपल काउंसिलर से बात करके हल ढूंढने की योजना बनाई है।’

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