यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से दिल्ली में भी बाढ़ आने की स्थिति बन गई है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना को देखते हुए दिल्ली सरकार भी तैयारियों में जुट गई है। दिल्ली सरकार ने हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद आपातकालीन बैठक की है। वहीं इस बार मानसून आने के बाद से जारी मूसलाधार बारिश से पांच राज्यों में आई बाढ़ और वर्षा जनित घटनाओं में अब तक कम से कम 465 लोगों की मौत हो चुकी है।
Photo: APसमाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, शनिवार को हथिनीकुंड बैराज से शाम 5 बजे तक 5,03,935 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। शनिवार को यमुना का जलस्तर शाम 5 बजे 205.20 मीटर तक पहुंच गया। इस स्थिति के मद्देनजर अधिकारी अब निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के काम में जुट गए हैं। इस बीच, हरियाणा के यमुनानगर जिले में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि हरियाणा ने 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है जिसे देखते हुए आपातकालीन बैठक बुलाई गई। सीएम ने एक और ट्वीट में कहा, ‘यह पानी कल (रविवार) शाम तक दिल्ली पहुंचेगा। हालांकि, प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जा रहा है और उनसे सहयोग की अपील की गई है। सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी तरह के बाढ़ से जुड़ी आपात स्थिति के लिए कंट्रोल रूम 1077 पर संपर्क करें।’
This water likely to reach Del by tomo eve. Wherever administration evacuating people, they r requested to cooperate. All depts put on high alert. For any flood related emergency, control room no is 1077. https://t.co/JI2ADxACMW
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 28, 2018
मौजूदा स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने बाढ़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का परामर्श जारी किया है। हथिनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का जल स्तर 90,000 क्यूसेक के खतरे के निशान को पार कर सुबह 9 बजे 2.11 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली रेलवे पुल पर यमुना नदी का जल स्तर शनिवार रात 9 बजे से 11 बजे तक बढ़कर 205.40 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
अब तक 465 लोगों की मौत
वहीं देश के पांच राज्यों में बारिश और बाढ़ से अब तक कम से कम 465 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (NERC) के अनुसार बाढ़ और बारिश के चलते महाराष्ट्र में 138, केरल में 125, पश्चिम बंगाल में 116, गुजरात में 52 और असम में 34 लोगों की मौत हुई है। भारी बारिश से कई जिले प्रभावित हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र के 26, पश्चिम बंगाल में 22, असम में 21, केरल में 14 और गुजरात में 10 जिले शामिल हैं। NERC के अनुसार असम में 10.17 लाख लोग बारिश और बाढ़ से त्रस्त हैं, जिनमें से 2.17 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक NERC के अनुसार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 12 टीम असम में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। पश्चिम बंगाल में बारिश और बाढ़ से कुल 1.61 लाख लोग प्रभावित हैं। राज्य में NDRF की आठ टीम तैनात की गई है। गुजरात में बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित 15,912 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य में NDRF की 11 टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है।
केरल में 1.43 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। भारी बारिश के कारण राज्य में 125 लोगों की मौत हुई है, जबकि नौ लोग लापता हैं। दक्षिणी राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए NDRF की चार टीम तैनात की गई है, जबकि तीन टीमों को महाराष्ट्र में तैयार रखा गया है। दिल्ली और यूपी में पिछले तीन दिन से जारी जोरदार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यूपी में बारिश, आंधी और बिजली गिरने से 58 लोगों की मौत हो गई है।