बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के कामकाज ठप रहने को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने तख्स टिप्पणी करते हुए पूछा है कि डीआरटी के बंद होने पर ‘देश के वित्त मंत्री सो रहे हैं।’ अदालत ने कहा कि मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है और शहर स्थित डीआरटी में एक महीने से कामकाज ठप पड़ा है। डीआरटी बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उनके ग्राहकों के बीच कर्ज वसूली से जुड़े मामलों का निपटान करता है।
Photo: Live Lawदरअसल, समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक डीआरटी का कार्यालय दक्षिण मुंबई के बेलार्ड एस्टेट की सिंधिया हाउस बिल्डिंग में है, लेकिन दो जून को इमारत में आग लगने के बाद से कामकाज बंद है। इसको लेकर डीआरटी बार एसोसिएशन ने कोर्ट में याचिका दायर करके डीआरटी के लिए दूसरा स्थान आवंटित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की थी।
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस रियाज छागला की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका पर यह गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट यह जानना चाहता है कि क्या केंद्र सरकार ने डीआरटी के लिए वैकल्पिक स्थान की पहचान की है। न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘हमारे पास मामला आने और कोर्ट के आदेश पारित करने से पहले ही सरकार को खुद से इस दिशा में काम करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘देश की वित्तीय राजधानी में ऋण वसूली न्यायाधिकरण में कामकाज नहीं हो रहा है…क्या वित्त मंत्री सो रहे हैं? न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई तय की है और केंद्र से तब तक डीआरटी के कार्यालय के लिए दूसरे स्थान की पहचान करने को कहा है।