मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार (20 जुलाई) को चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जमकर हमले किए। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बहुमत का अंकगणित सुबह से साफ था, लेकिन सियासी संदेश में बढ़त बनाने की जबरदस्त होड़ सदन के भीतर नजर आई।
file photo- @INCIndiaकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण से पहले तक सदन के भीतर और बाहर ज्यादा गहमागहमी नजर नहीं आ रही थी। लेकिन जैसे ही राहुल का भाषण समाप्त हुआ परदे के पीछे की सक्रियता सार्वजनिक हो गई। राहुल का भाषण सरकार और विपक्ष दोनों में चर्चा का केंद्र रहा। सत्तापक्ष के नेता राहुल की बॉडी लैंग्वेज और भाषा से भौचक थे। कुछ नेताओं ने सवाल उठाया, तो कुछ नेता राहुल के अंदाज के मुरीद नजर आए।
केंद्र और महाराष्ट्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी शिवसेना इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए नहीं थक रही है। मोदी सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव से खुद को दूर रखने के बाद उसने शनिवार को कहा कि राहुल ही अब विपक्ष का चेहरा हैं। शुक्रवार को संसद में उनके भाषण के बाद यह बात साबित हो गई है।
शिवसेना की यह टिप्पणी केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के लोकसभा में गिरने के एक दिन बाद आई है। एनडीए में शामिल शिवसेना ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद की कार्यवाही का बहिष्कार किया था।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक शिवसेना सांसद और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा, ‘राहुल अब विपक्ष का चेहरा हैं। यह बात कल (शुक्रवार) उनके भाषण से स्पष्ट हो गई है।’ राउत सरकार की तीखी आलोचना करते रहे हैं। शिवसेना के प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को संसद में अपने प्रदर्शन से राहुल ने साबित कर दिया है कि वह प्रभावपूर्ण तरीके से विपक्ष की अगुवाई कर सकते हैं।
निजी मराठी समाचार चैनल ‘स्टार माझा’ से बातचीत में राउत ने कहा, ‘राहुल ने प्रदर्शित कर दिया है कि वह विपक्ष की अगुवाई प्रभावी ढंग से कर उनकी आकाक्षांओं को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने अपने भाषण में बहुत हद तक यह कर दिखाया है।’ राहुल के मोदी से गले मिलकर उनको अचंभित करने और उसके बाद आखों से इशारा करने के मसले पर राउत ने कहा, ‘उन्होंने (राहुल) वही किया, जो मोदी हमेशा करते हैं।’
राउत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री पाकिस्तान गए थे और वह नवाज शरीफ से गले मिले थे, उससे क्या हुआ? राहुल जब मोदी से गले मिले तो हर कोई अचंभित था। उन्होंने बताया कि वह सफल राजनेता हैं और आंख से इशारा करके उन्होंने बताया कि वह सफल रहे।’ शिवसेना के अविश्वास प्रस्ताव से दूर रहने के फैसले पर उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी चुप रहना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।’
बता दें कि लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 126 मत पड़े, जबकि विरोध में 325 वोट पड़े। इस तरह लोकसभा में बुधवार को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को मतदान के बाद गिर गया। बीजेपी के दो सांसद के. सी. पटेल और भोला सिंह बीमार थे लेकिन वे मतदान के लिए संसद पहुंचे।
वहीं सांसद पप्पू यादव ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और मतदान से पहले सदन से बहिर्गमन किया। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा। प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था।