झारखंड में पिछले साल 29 जून को कथित तौर पर गोमांस का कारोबार करने के आरोप में मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी नाम के एक मुस्लिम शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक साल बाद इस साल मार्च महीने में रामगढ़ के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बीजेपी नेता सहित सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 30 जून को इनमें से 8 दोषियों को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली।
इन दोषियों को जमानत मिलने से बड़ी खबर यह है कि जब ये आरोपी हजारीबाग की जय प्रकाश नारायण सेंट्रल जेल से बाहर निकले तो इनका स्वागत करने खुद केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा पहुंचे। जयंत सिन्हा ने इन आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत किया। साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिला कार्यालय में मिठाई बांटी गई। मॉब लिंचिंग के आरोपियों का इस तरह से स्वागत करना और मिठाई बांटने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है।
दरअसल, मीट कारोबारी की हत्या और उसके बाद से इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि बीजेपी के नेता इन आरोपियों का शुरू से ही समर्थन करते आ रहे हैं। कुछ महीने पहले बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर चौधरी इन आरोपियों को छोड़ने के लिए 15 दिनों तक धरने पर बैठे थे। इन दोषियों में एक स्थानीय बीजेपी नेता नित्यानंद महतो समेत अन्य सात लोग भी शामिल थे, जिन्हें जयंत ने फूलमालाएं और मिठाई दीं, साथ ही ऊपरी अदालत में उनका केस लड़ने का भी आश्वासन दिया।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जयंत सिन्हा को निशाने पर लिया। इस मामले में यूथ कांग्रेस ने भी जंयत सिन्हा पर हमला किया। मॉब लिंचिंग दोषियों का स्वागत करने पर विपक्ष ने जयंत सिन्हा को आड़े हाथों लिया है और बीजेपी पर जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देने का आरोप लगाया है। यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट कर कहा कि देश के 10 राज्यों में शक के आधार पर अभी तक 27 लोगों की हत्या की जा चुकी है और जयंत सिन्हा ऐसा करने वाले आरोपियो के स्वागत में लगे हैं।
https://twitter.com/IYC/status/1015211421855047680/photo/1
वहीं, झारखंड में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर हॉर्वड विश्वविद्यालय को भी टैग किया। उन्होंने लिखा कि आपका पूर्व छात्र इन दिनों गौ हत्या के शक में युवक की हत्या करने वाले आरोपियो को सम्मानित करने में लगे हैं। हालांकि इस विवाद को लेकर खबर लिखे जाने तक जयंत सिन्हा की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
This is truly despicable. @Harvard Your alumnus @jayantsinha felicitating the accused in cow related lynching death in India. Is this what @Harvard stands for? https://t.co/DJh8XRtoXl
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 6, 2018
इससे पहले 30 जून को इन कथित ‘गोरक्षकों’ को जमानत मिलने पर बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर लाल चौधरी ने खुशी जताते हुए दोषियों के परिजनों को मिठाई बांटी थी और कहा था कि इन सभी लोगों को जमानत मिल जाने के बाद शहर में विजय जुलूस निकाला जाएगा। आजतक के मुताबिक इन आरोपियों की रिहाई के लिए लगातार आंदोलन करने वाले पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने बीजेपी कार्यलय पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जमानत मिलने पर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा, वो कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
क्या है पूरा मामला?
झारखंड के हजारीबाग जिले के रामगढ़ में पिछले साल 29 जून 2017 को अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी की हत्या कर दी गई थी। तब पुलिस ने अपनी जांच में माना था कि गौ-रक्षकों के एक दल ने अलीमुद्दीन का 15 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद बाजाटांड़ इलाके में भीड़ देखकर उसके द्वारा गौमांस ले जाने का हल्ला किया। इसके बाद भीड़ में शामिल लोगों ने अलीमुद्दीन की सरेआम पीट-पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया। जिसने बाद में रांची के एक अस्पताल में घायल शख्स ने दम तोड़ दिया था। लोगों ने उसकी गाड़ी भी फूंक दी थी। अलीमुद्दीन अंसारी गिद्दी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
जयंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट से ही सांसद हैं। भीड़ के द्वारा अंजाम दी गई इस भयानक वारदात ने देशभर को दहला दिया था और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चली थी, जिसमें इस वर्ष 21 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई थी। अदालत ने मामले में दोषी पाए गए 11 दोषियों के लिए उम्रकैद की सजा मुकर्रर कर दी थी। इस मामले में अदालत ने यह माना था कि यह एक पूर्व नियोजित हमला था। सभी दोषियों ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया था जिनमें आठ लोगों को पिछले 29 जून को जमानत मिल गई थी।