उत्तराखंड के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत के दरबार में एक विधवा बुजुर्ग महिला न्याय पाने के लिए फरियाद लेकर आई थी, लेकिन सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की धज्जियां उड़ाते हुए भरी सभा में उसे अपमानित किया और महिला को सस्पेंड होकर जाना पड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का जनता दरबार सुर्खियों में बना हुआ है। वैसे भी उत्तराखंड सरकार का जनता दरबार हमेशा से ही विवादों में रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बुजुर्ग विधवा महिला शिक्षिका के बीच बहस का वीडियो सामने आया है। फरियादी शिक्षिका का कहना था कि वो विधवा है और उसके बच्चे देहरादून में रहते हैं। लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। लेकिन महिला की परेशानियों को सुनने के बजाय मुख्यमंत्री रावत ने ‘जनता मिलन’ कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका को निलंबित करने तथा उसे हिरासत में लेने के आदेश देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
विधवा शिक्षिका ने रोते हुए सुनाई आपबीती
इस बीच सीएम रावत के आदेश पर सस्पेंड की गई महिला शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा ने शुक्रवार (29 जून) को मीडिया के सामने रोते हुए अपनी आपबीती बताई। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उत्तरा ने कहा, ‘उन्होंने (सीएम) जब ये कहा इसे बाहर ले जाओ, इसे बाहर ले जाओ… इसे क्या होता है? किसको कहते हैं इसे? मैं क्या कोई गई गुजरी चीज हूं? मेरा कोई पूछने वाला नहीं है… मेरे पति नहीं हैं और मेरा भाई नहीं है… तो मुझे कोई पूछने वाला नहीं है…’ इतना कहने के बाद उत्तरा कैमरे के सामने ही रोने लगीं।
महिला ने आगे कहा, ‘जब एक मुख्यमंत्री एक महिला शिक्षिका को इसे कह सकते हैं तो एक शिक्षिका क्यों नहीं जवाब दे सकती है। मैं ईमानदारी से नौकरी कर रही थी, अनुशासन में रहकर नौकरी कर रही थी… ये भ्रष्टाचार वालों ने दलदल में धकेल दिया, तो मैं क्यों नहीं आवाज उठाऊंगी। चोरों को चोर ही बोलूंगी, बेईमान को बेईमान ही कहूंगी… जो जैसा है उसे वो ही कहूंगी। ब्रम्हा, विष्णु, महेश भी मेरे सामने आएंगे तो मैं उनसे भी यही कहूंगी। मैं पूछूंगी कि उनके राज में क्या हो रहा है। जो जितना ईमानदार है उस पर उतनी ही गाज गिर रही है।’
#WATCH Uttara Pant Bahuguna, the teacher who was suspended by #Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat after she argued with him yesterday over her transfer, breaks down while talking about the incident. pic.twitter.com/mex8Z4ofLl
— ANI (@ANI) June 29, 2018
क्या है मामला?
दरअसल, गुरुवार को आवेश में आए मुख्यमंत्री रावत ने उत्तरकाशी जिले के नौगांव प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के खिलाफ कार्रवाई के आदेश तब दिए जब उसने अपने तबादले के लिए गुहार लगाई। उत्तरा ने कहा कि वह पिछले 25 साल से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही है और अब अपने बच्चों के साथ रहना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति की मृत्यु हो चुकी है और अब वह देहरादून में अपने बच्चों को अनाथ नहीं छोड़ना चाहतीं। उत्तरा ने कहा, ”मेरी स्थिति ऐसी है कि ना मैं बच्चों को अकेला छोड़ सकती हूं और ना ही नौकरी छोड़ सकती हूं।
मुख्यमंत्री द्वारा यह पूछे जाने पर कि नौकरी लेते वक्त उन्होंने क्या लिख कर दिया था? उत्तरा ने गुस्से में जवाब दिया कि उन्होंने यह लिखकर नहीं दिया था कि जीवन भर वनवास में रहेंगी। इससे मुख्यमंत्री भी आवेश में आ गए और उन्होंने शिक्षिका को सभ्यता से अपनी बात रखने को कहा, लेकिन जब उत्तरा नहीं मानीं तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उन्हें तुरंत निलंबित करने और हिरासत में लेने के निर्देश दिए।
हिंदुस्तान के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिक्षिका को मुख्यमंत्री के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, बाद में उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया। जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में भी इस घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अपने स्थानांतरण के लिए आई उत्तरकाशी की एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने अभद्रता दिखाई और अपशब्दों का प्रयोग किया। शिक्षिका से अपनी बात मर्यादित ढंग से रखने का अनुरोध किए जाने पर भी जब शिक्षिका ने लगातार अभद्रता किया तो उक्त शिक्षिका को निलम्बित करने के निर्देश दिए गए।
उत्तरा के अलावा कई अन्य सरकारी कर्मचारी भी दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में अपने स्थानांतरण की गुहार लगाने ‘जनता मिलन’ कार्यक्रम पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री रावत ने साफ किया कि यह कार्यक्रम ऐसी बातों को उठाने के लिए उचित मंच नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”जनसमस्याओं की सुनवाई के दौरान स्थानान्तरण संबंधी अनुरोध बिल्कुल न लाए जाएं। राज्य में तबादला कानून लागू होने से राजकीय सेवाओं के सभी स्थानान्तरण नियामानुसार किए जाएंगे। स्थानांतरण के लिए जनता मिलन कार्यक्रम उचित मंच नहीं है।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पीएम मोदी के बेटी बचाओ अभियान की उड़ाई धज्जियां
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पीएम मोदी के बेटी बचाओ अभियान की उड़ाई धज्जियां, भरी सभा में फरियादी विधवा शिक्षिका का किया अपमानhttp://www.jantakareporter.com/hindi/uttarakhand-cm-trivendra-rawat-publicly-insults-widowed-teacher/194846/
Posted by जनता का रिपोर्टर on Thursday, June 28, 2018