झारखंड: BJP सांसद करिया मुंडा के घर पर तैनात 3 सुरक्षाकर्मी अगवा, छुड़ाने की कोशिश जारी

0

झारखंड के खूंटी जिले में स्थित घाघरा गांव में मंगलवार (26 जून) को लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद करिया मुंडा के निवास पर हमला बोलकर उनके तीन सुरक्षाकर्मियों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने अगवा कर लिया। एक दिन बाद भी घाघरा गांव से अगवा हुए तीनों जवानों का अबतक पता नहीं चल पाया है। घाघरा गांव में बुधवार सुबह से ही तनाव का माहौल है। जैसे ही रैप के जवान घाघरा गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। फिलहाल, तीनों जवानों को पत्थलगड़ी समर्थकों से छुड़ाने की कोशिशें की जा रहीं हैं।

(HT Photo)

खूंटी के घाघरा गांव में रैपिड एक्शन फोर्स के जवान पहुंच चुके हैं। पत्थलगड़ी समर्थकों और फोर्स के बीच टकराव के चलते इलाके में भारी तनाव है। पत्थलगड़ी समर्थकों के हंगामा शुरू करने के बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने रबर बुलेट और आंसूगैस के गोले छोड़े. इसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक पीछे हटे। पुलिस घाघरा गांव को खाली करा चुकी है, लेकिन सांसद करिया मुंडा के आवास से अगवा किए गए तीनों सुरक्षाकर्मी अभी भी पत्थलगड़ी समर्थकों के कब्जे में हैं।

ABP न्यूज के मुताबिक झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अपर पुलिस महानिदेशक आर के मलिक ने बताया कि खूंटी के घाघरा में पुलिस और प्रशासन ने रात भर ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन उनके न मानने और अपहृत जवानों को रिहा न करने पर पुलिस ने आज तड़के कार्रवाई प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि अभी कार्रवाई जारी है और क्षेत्र में पत्थलगड़ी की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नकेल कसी जाएगी तथा कानून का राज कायम किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्रवाई जारी है और जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी। मौके पर भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल और खूंटी के पुलिस अधीक्षक तथा उपायुक्त कल शाम से स्वयं उपस्थित हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कल जब पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामील करने की कार्रवाई प्रारंभ की तभी लोगों ने विरोध करने की कोशिश की। पूर्ति तो भारी संख्या में पुलिस बल देख मौके से फरार हो गया लेकिन उसके घर के एक सामान की कुर्की-जब्ती की गई।

मलिक ने बताया कि उसके भड़काने पर पत्थलगड़ी समर्थक कुछ और गुंडों ने घाघरा इलाके में कल पत्थलगड़ी की कोशिश की। लेकिन उनके इस प्रयास को रोकने के लिए जब बड़ी संख्या में सुरक्षा बल वहां पहुंचे तो पत्थलगड़ी समर्थकों ने उग्र होकर पुलिस के खिलाफ मोर्चेबंदी कर ली। भीड़ ने अनिगड़ा-चांदी डीह इलाके में कल दोपहर स्थानीय सांसद करिया मुंडा के निवास पर हमला बोलकर उनके तीन अंगरक्षकों को हथियार समेत अपहृत कर लिया। इस दौरान वहां स्थानीय सांसद मौजूद नहीं थे।

पुलिस पर अपनी शर्तें मानने का बना रहे हैं दबाव

मंगलवार रात पुलिस ने अपने अपहृत जवानों की स्थिति का पता लगा लिया था और ग्रामीणों से उन्हें छोड़ने की अपील की थी लेकिन उनके साथ एकत्रित गुंडों ने पुलिस प्रशासन पर ही अपनी शर्तें मानने का दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पत्थलगड़ी समर्थक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अपने कुछ लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि उनकी रिहाई पर ही सांसद के अंगरक्षकों को छोड़ा जाएगा।

मंगलवार रात ही पुलिस प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली थी। पुलिस ने बताया कि राज्य सरकार की विकास की नीति के खिलाफ कुछ उग्रवादी और स्थानीय ईसाई मिशनरियां एकजुट होकर स्थानीय आदिवासियों को भड़का रही हैं और खूंटी में गांवों के बाहर पत्थर गाड़ कर उस पर स्थानीय प्रशासन के प्रवेश को रोकने की बात लिख रही हैं। प्रशासन के लोगों के गांवों के भीतर जाने पर ये गुंडे गरीब आदिवासियों को एकजुट कर उन पर हमला कर देते हैं।

पत्थलगड़ी समर्थकों पर रेप का आरोप

ABP के मुताबि पुलिस ने बताया कि इन्हीं पत्थलगड़ी समर्थकों और ईसाई मिशनरी के लोगों ने मिलकर 19 जून को खूंटी में एक ईसाई मिशनरी में नुक्कड़ नाटक कर रहे समूह की पांच युवतियों का अपहरण कर उनके साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने उक्त मामले में मिशन के एक पादरी समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है और छह अन्य की तलाश कर रही है।

जहां इसाई मिशनरियों ने इस नृशंस कांड पर चुप्पी साध रखी है वहीं रविवार को रांची में एक संवाददाता सम्मेलन कर स्थानीय मीडिया से एक बिशप ने कहा कि पुलिस जानबूझ कर बदनीयत से उनके साथियों को फंसा रही है। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई कर रही है।

क्या है पत्थलगड़ी

रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के कई आदिवासी समुदाय और गांवों में विधि-विधान/संस्कार के साथ पत्थलगड़ी (बड़ा शिलालेख गाड़ने) की परंपरा काफी पुरानी है। इनमें मौजा, सीमाना, ग्रामसभा और अधिकार की जानकारी रहती है। वंशावली, पुरखे तथा मरनी (मृत व्यक्ति) की याद संजोए रखने के लिए भी पत्थलगड़ी की जाती है। कई जगहों पर अंग्रेजों-दुश्मनों के खिलाफ लड़कर शहीद होने वाले वीर सूपतों के सम्मान में भी पत्थलगड़ी की जाती रही है। पिछले कुछ दिनों से ग्रामसभाओं में आदिवासी पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन की मांग कर रहे हैं। कई गांवों में आदिवासी, पत्थलगड़ी कर ‘अपना शासन, अपनी हुकूमत’ की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं ग्राम सभाएं अब फरमान तक जारी करने लगी हैं।

 

Previous articleMaharashtra: Sukhoi Su-30MKI fighter jet crashes in Nashik, both pilots eject safely
Next articleSri Reddy taunts Nani, who she accused of sexually abusing her, makes surprising comments on Jr NTR