जम्मू कश्मीर पुलिस ने राइजिंग कश्मीर के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और उनके दो अंगरक्षकों की हत्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर की गई। यह आकलन सेना के श्रीनगर कमान के जेएओसी ए के भट्ट का है। इस बीच, पुलिस ने मामले में 24 घंटे के भीतर बड़ी सफलता करते हुए शुक्रवार (15 जून) को उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया, जिसने हत्या के बाद बुखारी के पीएसओ की पिस्तौल चुराई थी। जबकि बाकी तीनों आतंकियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं।
हिंदुस्तान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने शुक्रवार को कहा कि उनका आकलन है कि बुखारी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर गोली मारी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि दिनदहाड़े की गई हत्या के पीछे आईएसआई हाथ है। बाकी जांच में पता चल जाएगा।
वहीं, कश्मीर के महानिरीक्षक (आईजी) स्वयं प्रकाश पाणि ने बताया कि गिरफ्तार सदिंग्ध की पहचान जुबैर कादरी के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि कादरी बुखारी के साथ एक पीएसओ की पिस्तौल चुराते हुए वीडियो में नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, पिस्तौल बरामद किए जाने और अपराध स्थल पर उसकी मौजूदगी के बारे में उससे पूछताछ की जा रही है। अब तक वह कोई ठोस जवाब नहीं दे पाया है।
एसआईटी गठित
हिदुस्तान के मुताबिक कश्मीर के महानिरीक्षक (आईजी) स्वयं प्रकाश पाणि ने बताया कि राज्य पुलिस ने शुजात बुखारी की हत्या की जांच के लिए उपमहानिरीक्षक (मध्य कश्मीर) वी के विर्दी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है। उन्होंने हत्या को आतंकी हमला करार दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन अन्य हमलावरों की पहचान की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो बुखारी की हत्या करने वाले तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। इनमें फरवरी में महाराजा हरी सिंह अस्पताल से फरार नवीद जट भी शामिल है। बाकी दोनों आतंकियों की पहचान अबू उसमा और मेहराजुद्दीन बांगरु बताई जा रही है। माना जा रहा है कि जट बाइक पर बीच में बैठा था। हालांकि, बुखारी की हत्या के बाद जनता में गुस्से को देखते हुए लश्कर ने घटना में खुद का हाथ होने से इनकार किया है। वहीं, पुलिस ने भी अब तक पहचान की पुष्टि नहीं की है।
पुलिस का दावा- पूर्व नियोजित थी हत्या
पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया है कि बुखारी की हत्या पूर्व नियोजित थी और पूवी योजना के साथ घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस के मुताबिक आतंकियों ने बुखारी पर 15 गोलियां दागी, ताकि उनके बचने की कोई संभावना नहीं बचे।