राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में गिरा स्मृति ईरानी के ‘कान का झुमका’, ट्वीट कर बताया- नहीं मिली, तो ट्विंकल खन्ना ने केंद्रीय मंत्री को ढूंढने का दिया एक शानदार नुस्खा

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राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में गुरुवार (3 मई) को 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए गए। इन पुरस्कारों को लेकर काफी विवाद भी हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिर्फ 11 ही विजेताओं को ये पुरस्कार दिया। जबकि बाकी के अन्य लोगों को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और सूचना प्रसारण (राज्य मंत्री) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सम्मानित किया।

PHOTO: PIB

इसके विरोध में करीब 50 से अधिक विजेता कलाकारों ने पुरस्कार समारोह का बायकॉट कर दिया। हालांकि इसके बाद भी पुरस्कार समारोह अपने तय समय से शुरू हुआ और बाकी कलाकार अवॉर्ड लेने भी पहुंचे। इस दौरान इस समारोह में स्मृति ईरानी के साथ एक वाकया हुआ। दरअसल, पुरस्कार वितरण के दौरान स्मृति ईरानी के एक कान का झुमका कहीं गिर गया और खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री का झुमका वापस नहीं मिला।

दिलचस्प बात यह है कि टि्वटर के जरिए एक यूजर ने इस बारे में उन्हें यह जानकारी दी। जिसके बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट का जवाब देते हुए बताया कि उनका झुमका मिला नहीं है। दरअसल हिंदुस्तान टाइम्स की मैनेजिंग एडिटर (एंटरटेन्मेंट) सोनल कालरा ने ट्वीट कर स्मृति ईरानी को इसकी जानकारी देते हुए लिखा, “इतनी बारीकियों पर नजर रखने के लिए मेरे बारे में राय मत बनाइएगा। लेकिन आपके दाहिने कान की एक बाली गुम हो गई है। उम्मीद करती हूं कि कार्यक्रम के बाद ये आपको मिल जाएं।”

सोनल कालरा के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा, “मुझे ये नहीं मिली।”

स्मृति ईरानी के जवाब के बाद सोशल मीडिया पर लोग मजे लेने लगे। इस पोस्ट पर कई लोगों ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं, बॉलीवुड एक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना ने मजाकिया अंदाज में स्मृति ईरानी को झुमका ढूंढने का एक शानदार नुस्खा भी बताया।

ट्विंकल ने लिखा, ‘जाहिर तौर पर अगर आप 3 बार जीवन मामा बोलें तो, गुम हुई चीजें मिल जाएंगी।’

ट्विंकल के इस नुस्खे के जवाब में स्मृति ने लिखा, ‘मिल गया, बस इसके लिए आपको रतन भगत को याद रखना होगा’।

बता दें कि समारोह में प्रोटोकॉल के चलते राष्ट्रपति को केवल एक घंटे ही मौजूद रहना था। इसलिए तय किया गया था कि केवल 11 विजेताओं को ही उनके हाथ से पुरस्कार दिलाए जाएंगे। इसी पर नाराजगी जताते हुए पुरस्कार के लिए चुने गए कई कलाकारों ने एक पत्र लिखा। इसकी प्रति राष्ट्रपति भवन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी भेजी गई।

कलाकारों ने पत्र में कहा गया कि वे पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि राष्ट्रपति स्थापित परंपरा से अलग हटकर केवल 11 लोगों को पुरस्कार देंगे। साथ ही स्पष्ट किया कि इसके पीछे पुरस्कार के बहिष्कार की कोई मंशा नहीं है, लेकिन असंतुष्टि से अवगत कराने के लिए समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता एक कलाकार ने कहा कि अभी तक राष्ट्रपति ही सभी विजेताओं को अवार्ड देते रहे हैं।

इस बार परंपरा टूटी है। यह चिंता का विषय है। क्योंकि, इससे पुरस्कार का महत्व भी कम हो सकता है। दरअसल पहले चरण में स्मृति ईरानी और राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने पुरस्कार दिए। जबकि दूसरे चरण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रमुख पुरस्कार दिए, जिनमें विनोद खन्ना और श्रीदेवी के लिए मरणोपरांत दादा साहेब फाल्के और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार शामिल थे।

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