उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की करारी हार के बाद विपक्ष जमकर हमला बोल रहा है। इस बीच अब हालात यह है कि बीेजपी के अपने लोग भी पार्टी का साथ छोड़ समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थामने हुए नजर आ रहे हैं। इस बीच शनिवार (17 मार्च) को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद नवल किशोर ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
फोटो: amar ujalaइस मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री रहे आजम खान और राजेन्द्र चौधरी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य कभी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के वरिष्ठ नेता और बीएसपी प्रमुख मायावती के करीबियों में से एक थे। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मौर्य ने अपने कई समर्थकों संग बीजेपी में शामिल हो गए थे।
मौर्य उस समय विधानसभा में बसपा के साथ ही नेता विरोधी दल भी थे। इससे पहले श्रम मंत्री के भतीजे और प्रतापगढ़ जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद मौर्य ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पिछले महीने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। प्रमोद मौर्य ने सपा में शामिल होते समय कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बीजेपी में उपेक्षा हो रही है। उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है इसलिए उनके समर्थक धीरे-धीरे बीजेपी से अलग होंगे।
बता दें कि नवल किशोर मौर्य कैंसर के अच्छे डॉक्टर माने जाते हैं। इस दौरान नवल किशोर के अलावा बीएसपी के पूर्व विधायक इरशाद खान और पूर्व एमएलसी प्रदीप सिंह ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। पार्टी में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने तीनों नेताओं को भगवान गौतमबुद्ध की प्रतिमा देकर उनका स्वागत किया। वहीं इस दौरान बिग बॉस सीजन- 2 के विजेता आशुतोष कौशिक भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे बहुत से नेता हैं जो अपनी पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामने वाले हैं।अखिलेश ने कहा कि, ”यह हमारी पार्टी में आ रहे हैं। मगर हम इनको यहां नहीं बल्कि सभा में शामिल कराएंगे। इन परिणामों से यूपी को एक फायदा जरूर हुआ है। यूपी के सीएम अब विकास की दिशा में जाने लगे हैं। हम तो पहले ही कहते थे कि यूपी को विकास के रास्ते पे ले जाओगे तो ज्यादा फायदा होगा। अब तमाम विकास के कार्यों में रुचि लेने लगे हैं।’
नतीजों के बाद बीजेपी के भीतर से उठे सवाल
बता दें कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के भीतर से ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने संकेंतों में मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। वहीं, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आम चुनाव के लिए सतर्क रहने की चेतावनी दी। स्वामी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिने कहा, जो नेता अपनी सीट पर जीत नहीं दिला सकते, ऐसे नेताओं को बड़े पद देना लोकतंत्र में आत्महत्या करने जैसा है। जनता में जो लोकप्रिय है, वह किसी पद पर नहीं है। मेरा मानना है कि इन सब चीजों को दुरुस्त करने के लिए अब भी समय है।
वहीं, बिहार के पटना साहिब से सांसद और पार्टी पर हमला करने के लिए पहले से ही चर्चित शत्रुघ्न सिन्हा ने भी मौका नहीं चूका। उन्होंने ट्वीट किया, यूपी बिहार के उपचुनाव के नतीजों ने हमारे लोगों को यह अहसास करा दिया होगा कि सीटबेल्ट बांधनी होगी। आगे कठिन समय है। उम्मीद है कि भविष्य में हम इस संकट से निपट सकेंगे। जितनी जल्दी हम इस समस्या को हल कर सकेंगे बेहतर होगा। ये नतीजे बताते हैं, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। जबकि भाजपा के ही पूर्व सांसद और 2014 में आजमगढ़ में सपा नेता मुलायम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रमाकांत यादव ने भी राज्य सरकार पर सीधा हमला किया है।
उन्होंने कहा, हार में बड़ी भूमिका राज्य सरकार की दलित और ओबीसी समुदाय के प्रति लापरवाह रुख की रही। यादव ने कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो 2019 के आम चुनाव में राह मुश्किल होगी। कौशांबी के भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने विपरीत नतीजों के लिए स्थानीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, उपचुनाव के दौरान स्थानीय नेता दलितों तक पहुंचे ही नहीं, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
योगी के बचाव में उतरे शाह
हालांकि योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रमुख अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उपचुनाव के परिणाम राज्य में पार्टी की सत्ता के बारे में जनादेश नहीं है। शाह ने उपचुनाव में हार के बाद पहली बार प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि राज्यों में भाजपा की बेहतरीन सरकारों में उत्तर प्रदेश सरकार एक है। शाह ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि, ‘‘पार्टी ने इसे (उपचुनाव परिणामों को) गंभीरता से लिया है और इन चुनावों के परिणामों का गहन विश्लेषण किया जाएगा।’’