सुप्रीम कोर्ट ने खबरों को लेकर न्यूज चैनलों और वेबसाइट्स को दी कड़ी चेतावनी

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सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को लेकर गुरुवार (15 मार्च) को बड़ी टिप्पणी करते हुए समाचार चैनलों और न्यूज वेबसाइटों को कड़ी चेतावनी दी है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रेस की आजादी का सम्मान करते हैं, लेकिन प्रेस को भी अपनी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। विशेष तौर पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया में बैठे कुछ लोग वो सोचते हैं कि वो कुछ भी लिखते हैं, कुछ लोग तख्त पर बैठकर क्या कुछ भी लिख सकते हैं। क्या ये पत्रकारिता है? उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और वेबसाइट्स आधारहीन और भड़काऊ खबरें नहीं छाप सकते।

(PTI File Photo)

न्यूज 18 के मुताबिक, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने जिम्मेदार पत्रकारिता पर जोर दिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (न्यूज चैनल) और न्यूज वेबसाइट्स अधिक सचेत रहने के लिए कहा। चीफ जस्टिस ने कहा कि, ‘मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने का तो कोई सवाल नहीं पैदा होता है। मैंने खुद ही कई बार ऐसे प्रयासों को खारिज किया है जिनमें मीडिया की स्वतंत्रता रोकने की कोशिश हो। लेकिन हम मीडिया, विशेष तौर पर इलेक्ट्रॉनिक से भी जिम्मेदारी की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी बेहतर ढंग से समझनी होगी।’

वहीं NDTV के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेट जय शाह मानहानि मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हम प्रेस की आजादी का सम्मान करते हैं पर उसे भी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ये नहीं सोच सकता कि वो रातों रात पोप बन सकता है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में कई लोग ये सोचते हैं कि वो कुछ भी लिख सकते हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या कुछ लोग तख्त पर बैठकर कुछ भी लिख सकते हैं? क्या ये पत्रकारिता है? उन्‍होंने कहा कि हालांकि मैं हमेशा प्रेस की आजादी का पक्षधर हूं लेकिन कैसे कोई किसी के बारे में कुछ भी बोलना शुरू कर देता है। इसकी कोई सीमा होती है। एक वेबसाइट की पत्रकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि वो इस केस पर नहीं बल्कि सामान्य बात कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले साल एक न्यूज वेबसाइट ने दावा किया था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया। मामला सामने के आने बाद जय शाह ने वेबसाइट और लेख की लेखिका के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि मुकदमा दायर किया है।

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