आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज केंद्र में मोदी सरकार की मुख्य सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी(TDP) ने एनडीए से बाहर निकलने का फैसला किया है। वहीं, अब बीजेपी और TDP के बीच मचे सियासी घमासान में अब इस्तीफों का दौर शुरु हो गया है।
फाइल फोटोTDP प्रमुख और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार(7 मार्च) देर रात एक प्रेस कॉफ्रेंस कर कहा था कि, केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया। साथ ही उन्होंने कहा था कि हम केंद्र सरकार से अपने दोनों मंत्रियों को वापस बुला रहे हैं और वे इस्तीफा दे देंगे। इसी बीच अब बीजेपी ने भी नायडू सरकार से बाहर निकलने का फैसला किया है। इसी बीच ख़बर है कि, गुरुवार(8 मार्च) को आंध्र प्रदेश की TDP सरकार में बीजेपी कोटे से दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरावती में मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर बीजेपी कोटे के दो मंत्रियों ने आंध्र प्रदेश कैबिनेट से त्यागपत्र दे दिया। नायडू सरकार से बाहर निकलने का ऐलान करते हुए दोनों मंत्रियों ने अपने इस्तीफे का खत सौंप दिया है।
इससे पहले आंध्र प्रदेश में बीजेपी के एमएलसी पीवीएन माधव ने कहा था कि, ‘हमने फैसला किया है कि हमारे मंत्री टीडीपी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे। हम जनता के पास जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि केंद्र ने राज्य के लिए सब कुछ किया है। आजादी के बाद से अब तक, किसी भी राज्य को केंद्र से इतना समर्थन नहीं मिला होगा, जितना हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश को दिया है।’
वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार में टीडीपी कोटे से मंत्री वाई एस चौधरी ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, ‘यह एक अच्छा कदम नहीं है लेकिन दुर्भाग्य से अपरिहार्य कारणों की वजह से हम मंत्री पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। हम पीएम मोदी से भी मुलाकात करने वाले हैं।’
बता दें कि, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज केंद्र में मोदी सरकार की मुख्य सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने एनडीए से बाहर निकलने का फैसला किया है। TDP प्रमुख और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार (7 मार्च) देर रात एक प्रेस कॉफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी थी। नायडू ने कहा था कि केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपने दोनों मंत्रियों को वापस बुला रहे हैं और वे इस्तीफा दे देंगे।
गौरतलब है कि, आंध्र प्रदेश में सत्ता और विपक्ष दोनों सूबे को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने नायडू को इस बाबत भरोसा दिया था। मगर केंद्र सरकार के चाल साल पूरे होने के बाद भी मांग पूरी न होने पर नायडू ने सरकार से अलग होने का फैसला लिया। बता दें कि, नायडू की पार्टी टीडीपी के कुल 16 सांसद हैं। यह एनडीए सरकार में संख्याबल के लिहाज से तीसरी बड़ी पार्टी है। मोदी कैबिनेट में टीडीपी से दो मंत्री शामिल हैं। सरकार से पार्टी के अलग होने के एलान के बाद अब इन मंत्रियों के जल्द इस्तीफे देने की संभावना है।