बढ़ाई जा सकती है आधार से सेवाओं को लिंक कराने की 31 मार्च की डेडलाइन, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए संकेत

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अलग-अलग सेवाओं व कल्याणकारी योजनाओं को आधार से लिंक करने की 31 मार्च 2018 की समयसीमा को आगे बढ़ा सकती है। केंद्र सरकार ने मंगलवार (6 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट में इस तरह का संकेत दिया कि सरकार की अनेक सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य रूप से लिंक करने की समयसीमा 31 मार्च के आगे बढ़ाई जा सकती है।समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, केंद्र ने कहा कि आधार मामले में लंबित सुनवाई को पूरा करने के लिए थोड़ा समय और चाहिए होगा, इसलिए सरकार समयसीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ा सकती है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की दलील से सहमति जताई।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमने पहले भी समयसीमा बढ़ाई है और फिर से बढ़ाएंगे लेकिन हम महीने के आखिर में यह कर सकते हैं ताकि मामले में याचिकाकर्ता अपनी दलीलें पूरी कर सकें।’ पीठ ने कहा, ‘अटार्नी जनरल ने बहुत सही बिंदु उठाया है और अदालत मामले में याचिकाकर्ताओं के वकीलों द्वारा दलीलें दोहराने नहीं देगी।’

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल15 दिसंबर को आधार को अनेक योजनाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी। इससे पहले आधार को चुनौती देने के संबंध में दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि 31 मार्च की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि इस बात की संभावना बिल्कुल नहीं लगती कि आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई पूरी हो जाएगी।

पीठ ने इस मामले में सहायता के लिए अटॉर्नी जनरल को बुलाया। आज की सुनवाई के अंत में वेणुगोपाल पीठ के सामने हाजिर हुए और समयसीमा के विस्तार की संभावना के बारे में बयान दिया। सुनवाई बुधवार को भी चलेगी।

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