सोहराबुद्दीन केस: CBI की जांच पर सवाल उठाने वाली जज को हटाया गया

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गुजरात के बहुचर्चित कथित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे को ‘रूटीन’ प्रक्रिया के तहत सुनवाई से हटा दिया गया है। उन्‍होंने तीन महीने पहले इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। तीन सप्‍ताह से वह इस मामले पर रोज सुनवाई कर रही थीं। उनकी जगह जस्टिस एन.डब्‍ल्‍यू. साम्‍बरे को यह मामला सौंपा गया है।

हाई कोर्ट की वेबसाइट पर 23 फरवरी की शाम प्रकाशित सूचना में कहा गया है कि इन याचिकाओं की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश रेवती मोहित डेरे अब आपराधिक समीक्षा आवेदनों पर सुनवाई नहीं करेंगी। न्यायमूर्ति मोहिते डेरे के अलावा कुछ अन्य न्यायाधीशों के कामकाज में भी बदलाव किया गया है।

बीबीसी के मुताबिक इसके ठीक दो दिन पहले 21 फरवरी को जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई इस मामले में ‘पर्याप्त रूप से सहयोग करने में नाकाम’ रही है। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में कुछ पुलिस अधिकारियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे ने ये बात कही।

बीबीसी के मुताबिक जस्टिस डेरे ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जांच एजेंसी की ये जिम्मेदारी है कि वो सभी सबूत अदालत के सामने पेश करे, लेकिन इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट की तरफ से बार-बार कहे जाने के बावजूद केवल दो अफसरों के रोल पर जिरह करने का फैसला किया। ये दो पुलिस अफसर वे हैं, जिनको बरी किए जाने के फैसले का सीबीआई विरोध कर रही है।

उन्होंने कहा कि, “मैं अभियोजन पक्ष के पूरे मुकदमे को अभी तक समझ नहीं पा रही हूं। जांच एजेंसी सीबीआई कोर्ट की पूरी तरह से मदद नहीं कर रही है।” सीबीआई फर्जी मुठभेड़ केस में सब-इंस्पेक्टर और कॉन्सटेबल रैंक के पुलिसवालों की रिहाई का तो विरोध कर रही है, लेकिन ज्यादातर वरिष्ठ अधिकारियों की रिहाई पर खामोश है।

रिपोर्ट के मुताबिक 9 फरवरी को जब से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई है, कोर्ट ने हर बार सीबीआई को चार्जशीट, गवाहों के बयान और दूसरे दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। लेकिन हर बार सीबीआई ने यही कहा कि उसके पास ये दस्तावेज़ नहीं है और इन्हें इकट्ठा करने में वक्त लगेगा।

सूचना के मुताबिक न्यायमूर्ति डेरे अब अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे, वहीं न्यायमूर्ति एनडब्ल्यू साम्ब्रे सभी आपराधिक समीक्षा आवेदनों पर सुनवाई करेंगे। इस सूचना के बाद माना जा रहा है कि जस्टिस साम्ब्रे सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर सकते हैं।

 

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