ओवैसी ने की मांग, कहा- ‘भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तानी कहने पर हो 3 साल की सजा’

0

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार (6 फरवरी) को लोकसभा में भारतीय मुसलमानों के हक में एक विशेष प्रकार के कानून बनाने की मांग की है। ओवैसी ने लोकसभा में प्रस्ताव रखकर मांग की कि केंद्र सरकार ऐसा कानून लाए, जिसमें किसी भारतीय मुसलमान को पाकिस्तानी कहने पर तीन साल की सजा हो।

फाइल फोटो: Telangana Today

मंगलवार को लोकसभा में हो रहे चर्चा के दौरान ओवैसी ने यह बात कही। लोकसभा में सरकार के समक्ष अपनी मांग रखते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, “ऐसा कानून लाइए, ताकि किसी भी मुस्लिम को अगर पाकिस्तानी कहा जाए, तो कहने वाले को तीन साल की कैद भुगतनी पड़े…” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी मांग को माना नहीं जाएगा, और BJP के नेतृत्व वाली सरकार इस तरह का विधेयक नहीं लाएगी।

NDTV के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत में रहने वाले मुसलमानों ने मोहम्मद अली जिन्ना की दो राष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान यह भी दावा किया है कि तीन तलाक के खिलाफ लाया गया बिल ‘महिला-विरोधी’ है।

मुस्लिम पुरुषों को जेल भेजने की चाल है ट्रिपल तलाक बिल

बता दें कि इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि कानून सामाजिक बुराइयों का हल नहीं है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि तीन तलाक विधेयक लाना मुस्लिम पुरुषों को जेल भेजने की एक चाल है। ओवैसी ने कहा कि, ‘कानून लाने के बाद क्या तीन तलाक रुक जाएगा।’ उन्होंने कहा कि दहेज हत्या और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्य अपराध तब भी नहीं रुक रहे जब इन कुप्रथाओं के खिलाफ विशेष कानून बनाए गए हैं।

ओवैसी ने कहा था कि, ‘वर्ष 2005 से 2015 के बीच भारत में 80,000 से ज्यादा दहेज हत्याएं हुई हैं। दहेज के लिए हर दिन 22 महिलाओं को मारा जाता है और निर्भया घटना के बाद भी बलात्कार के मामलों में कोई कमी नहीं आई है। कानून इस सबका जवाब नहीं‍ है।’ ओवैसी ने आरोप लगाया था कि तीन तलाक विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक साजिश है। उन्होंने कहा कि, ‘यह समुदाय की महिलाओं को सड़क पर लाने और पुरुषों को जेल भेजने की एक चाल है।’

नवभारत टाइम्स के मुताबिक, पिछले दिनों ओवैसी ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कश्मीरी छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले में कहा था कि, ‘खट्टर राज में प्रशासन संवैधानिक जिम्मेदारियां निभाने में बुरी तरह फेल हुआ है। वह लोगों को सुरक्षा भी नहीं दे पा रहा है। 2 कश्मीरी छात्रों को मस्जिद से बाहर आने पर पीटा गया है, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’

 

 

 

Previous articleMuslim man beaten up in Rajasthan for not chanting ‘Jai Shri Ram’
Next articleराजस्थान: बुजुर्ग मुस्लिम से जबरन ‘जय श्रीराम’ कहलवाने के लिए बेरहमी से की पिटाई, सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने वाला वीडियो वायरल, आरोपी गिरफ्तार