वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आम चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया। लेकिन इस बार के बजट से मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा वर्ग के लोगों को निराशा हाथ लगी है। वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।
FILE PHOTO: PTIवहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सरकार के बजट की आलोचना की है। TDP सांसद टीजी वेंकटेस ने शुक्रवार (2 फरवरी) को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि ‘हम संग्राम छेड़ने जा रहे हैं। हमारे पास तीन रास्ते हैं एक कोशिश करो और बने रहो, दूसरा सांसदों का इस्तीफा और तीसरा गठबंधन से अलग होना।’
We are going to declare war, have three options, 1 is to try and continue, 2 is our MPs resign and 3rd is breaking of alliance. Will decide in meeting with CM on Sunday: TG Venkatesh,TDP MP #UnionBudget2018 pic.twitter.com/XbbW9cz7z3
— ANI (@ANI) February 2, 2018
वहीं, केंद्रीय मंत्री तथा टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने गुरुवार को कहा कि बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रेलवे, पोलावरम प्रोजेक्ट, अमरावती के लिए पूंजी समेत आंध्र प्रदेश के कई मुद्दों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि हम इस बार के बजट से निराश हैं।
ABP न्यूज के मुताबिक, टीडीपी के वाईएस चौधरी ने कहा कि, “नायडू इस बात से बेहद नाराज हैं कि वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश की जरुरतों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जेटली ने राज्य की जरुरतों पर कोई बात नहीं की और न ही अमरावती को राजधानी बनाने और मेट्रो चलाने के लिए स्पेशल फंड की कोई घोषणा की।”
उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा था इस बार के बजट में आंध्र प्रदेश को लेकर बजट में अलग से कुछ ऐलान होगा लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। चौधरी ने कहा कि उन्हें सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी। आंध्र प्रदेश के विकास के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन सरकार ने तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है।
We are disappointed with the Union Budget presented today. Many pressing state issues like Railway Zone, Polavaram project funding, Funding for capital Amaravati and other pending issues of Andhra Pradesh are not addressed in the budget: YS Chowdary, MoS Science&Technology, TDP
— ANI (@ANI) February 1, 2018
चौधरी ने कहा कि, “पार्टी इस बार के बजट से बेहद नाराज और दुखी है। इस बजट में आंध्र प्रदेश की जरुरतों जैसे कि अमरावती को राजधानी बनाने के लिए फंड, पोलावरम प्रोजेक्ट, रेलवे जोन इसमें से किसी को भी जगह नहीं दी गई।” उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और हम अपने हिस्से के लिए लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2019 के चुनाव तक पार्टी अपने हिस्से के लिए केन्द्र पर दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से राज्य में कई सारी परियोजनाएं अटकी पड़ी हुई हैं लेकिन केन्द्र सरकार कोई पैसा नहीं दे रही है। इस बजट में भी हमें निराशा ही हाथ लगी।
वही, वन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यानामल राम कृष्णुडू ने कहा कि आम बजट 2018 से हम खुश नहीं हैं। हमारी ओर से आंध्र प्रदेश को लेकर जो भी अपील की गई थी उन पर कोई सुनवाई बजट में नहीं हुआ है।बता दें कि इससे पहले शिवसेना भी इस बजट की निंदा कर चुकी है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि यह बजट चुनाव के लिए तैयार किया गया है। किसानों की बात ढ़कोसला है।
चंद्रबाबू नायडू ने बुलाई इमर्जेंसी मीटिंग
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, आम बजट में आंध्र प्रदेश की उपेक्षा और अपेक्षित फंड नहीं मिलने से नाराज तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को पार्टी की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में यह तय होगा कि केंद्र और राज्य में एनडीए के साथ गठबंधन जारी रखा जाए या फिर तोड़ दिया जाए। चंद्रबाबू नायडू ने इस मीटिंग को लेकर दिल्ली में गुरुवार को अपने सांसदों से टेलिकॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की। रविवार को टीडीपी के संसदीय बोर्ड की मीटिंग भी होनी है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से नाता तोड़ने के संकेत दिए थे। इसी के साथ उन्होंने कहा था कि वह अपनी दोस्ती पूरी तरह निभा रहे हैं, लेकिन अगर यह गठबंधन टूटता है तो इसके लिए बीजेपी ही जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा। उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए।’
We are maintaining 'Mitra Dharma' with BJP but if it does not want to continue with the alliance, we will go on our own: N Chandrababu Naidu, Andhra Pradesh CM & TDP President (file pic) pic.twitter.com/wZv13mRbg5
— ANI (@ANI) January 27, 2018
नायडू ने कहा था कि पिछले कुछ समय से राज्य में बीजेपी के नेता टीडीपी की आलोचना कर रहे हैं। इन्हें रोकने की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व की है। दरअसल, महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने हाल ही में यह ऐलान किया था कि अगला लोकसभा चुनाव वह अकेले लड़ेगी। शिवसेना के बाद बीजेपी की एक और सहयोगी दल टीडीपी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने के संकेत दिए हैं।