मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आरके माथुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर जाने वाले सदस्यों के नाम बताने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सूचना आयुक्त ने पीएमओ को निर्देश दिया है कि पीएम मोदी के साथ उनकी विदेश यात्राओं पर जाने वाले प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के नाम उजागर किए जाने चाहिए।
(PTI File Photo)न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, CIC ने साफ कहा है कि PMO राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर जाने वाले लोगों के नाम जाहिर करने से इनकार नहीं कर सकता। दो अलग-अलग मामलों में CIC आरके माथुर ने PMO को निर्देश दिया कि पीएम मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के नाम 30 दिनों के भीतर बताए जाएं।
माथुर ने नामों को प्रकट करने में PMO द्वारा ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के आधार पर जताई गई आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि मुख्य सूचना आयुक्त ने सुरक्षाकर्मियों और प्रधानमंत्री की सुरक्षा जानकारी से जुड़े व्यक्तियों के नाम प्रकट करने से पीएमओ को छूट दे दी है।
उन्होंने कहा कि, ‘आयोग का यह मानना है कि ऐसे गैरसरकारी व्यक्तियों के नाम या सूची (जिनका सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है) जो प्रधानमंत्री के साथ उनकी विदेश यात्रा पर साथ गए थे…अपीलकर्ता को मुहैया कराई जानी चाहिए। गौरतलब है इससे जुड़े मामले केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष आए थे जो सूचना के अधिकार मामले में अंतिम अपीलीय प्राधिकार है।
आयोग के समक्ष ये मामले तब आए जब अपीलकर्ताओं नीरज शर्मा और अय्यूब अली को उनकी अर्जियों पर उचित जवाब नहीं मिला। इन लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ उनकी विदेश यात्राओं पर जानेवाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी थी।
शर्मा ने निजी कंपनियों के सीईओ, मालिक या साझेदारों, निजी उद्योग के अधिकारियों आदि की सूची मांगी थी जो प्रधानमंत्री के साथ उनकी विदेश यात्राओं पर गए। अली ने प्रधानमंत्री के आवास और कार्यालय के मासिक व्यय, उनसे मिलने की प्रक्रिया, प्रधानमंत्री द्वारा अपने आवास और कार्यालय में जनता से की गई मुलाकातों की संख्या, उनके द्वारा संबोधित चुनावी सभाओं की संख्या और उन पर सरकारी खर्च की जानकारी मांगी थी।
शर्मा ने आरटीआई जुलाई 2017 में जबकि अली ने पीएमओ में आरटीआई अप्रैल 2016 में दायर की थी। हाल के आदेश में केंद्रीय सूचना आयुक्त ने पीएमओ को पूरी सूचना 30 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया है।