भारतीय जनता युवा मोर्चा की एक पत्रिका में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को सत्ता का लालची बताए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए देश की आजादी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के योगदान का ब्यौरा मांगा है।
फाइल फोटो- पंडित जवाहर लाल नेहरूसमाचार एजेंसी आईएएनएस (IANS) के हवाले से नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल में मंगलवार(23 जनवरी) को बीजेपी युवा मोर्चा की तरफ से ‘मेरे दीनदलाय अंतरराष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के प्रश्नपत्र में ज्यादातर सवाल राज्य की बीजेपी सरकार से जुड़े हुए थे।
इस दौरान यह सवाल भी पूछा गया कि आपातकाल किसने लगाया? इस मौके पर एक पुस्तिका ‘मेरे दीनदयाल’ वितरित की गई। इस पुस्तिका में एक तरफ सवालों के जरिए कांग्रेस को घेरा गया, तो दूसरी ओर पंडित नेहरू को ‘सत्ता का लालची’ बताया गया।
इस पुस्तक में लिखा है, ‘दीनदयाल उपाध्याय का स्पष्ट मत था कि भारत माता को खंडित किए बिना भी भारत की आजादी प्राप्त की जा सकती है और भारत माता को परम वैभव तक पहुंचाने में हम अधिक तीव्र गति से सफल हो सकते हैं, किंतु पंडित नेहरू और जिन्ना के सत्ता के लालच और अंग्रेजों की चाल में आ जाने से भारतवासियों का यह सपना पूर्ण नहीं हुआ और खंडित भारत को आजादी मिली।’
photo- hindi news18पुस्तिका में नेहरू पर इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि, ‘बीजेपी को भी यह पता है कि पंडित नेहरू ने इस देश के लिए क्या किया, आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए। बीजेपी जानबूझकर आजादी के सेनानियों के नाम मिटाने पर तुली है।’
सिंह ने कहा कि आजादी के आंदोलन में कांग्रेस के नेताओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी यह बताए कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने आजादी के आंदोलन में क्या किया, कोई उनका इतिहास हो तो उसे सामने लाए।