मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक के जरिए महिलाओं को न्याय दिलाना तो एक बहाना है, निशाना शरीयत को बनाना है।
फाइल फोटो: Telangana Todayन्यूज़ 18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है, वहीं राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) दलित मुक्त भारत चाहती है। दलितों और मुस्लिमों से अपील करते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘मुस्लिमों और दलित को अब जागना होगा, क्योंकि बीजेपी इस देश को मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहती है, वहीं आरएसएस दलित मुक्त भारत चाहती है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां ‘मीम’ और ‘भीम’ अपने पुराने नारे को दोहराते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘मैं दलितों से भी कहना चाह रहा हूं कि आपका गरीब भाई आपके सामने खड़ा हुआ है।’ बता दें कि, ओवैसी मीम का इस्तेमाल मुस्लिम, जबकि भीम लफ्ज़ का इस्तेमाल दलितों के लिए करते रहे हैं।
न्यूज़ 18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवैसी ने मोदी सरकार के प्रस्तावित तीन तलाक (ट्रिपल तलाक) बिल पर रोकथाम के मकसद से लाए जा रहे नए कानून को लेकर भी मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, इस कानून का मकसद मुस्लिम बच्चों को जेल में डालना और मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाना है, यही इस कानून का असल मकसद है।’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि औरत को इंसाफ दिलाने की बात तो बस एक बहाना है, निशाना शरीयत को बनाना है।उन्होंने कहा कि, ‘अगर मिस्टर मोदी सही में इंसाफ करना चाहते हैं तो आने वाले बजट में 2 हजार करोड़ का एक बजट बनाओ और कहो कि अगर कोई मुस्लिम मर्द अपनी बीवी को ट्रिपल तलाक देता है तो हर महिने 15 हजार रुपये देंगे।’
यहां उन्होंने हर घर को 15 लाख मिलने के ‘चुनावी वादे’ को लेकर भी पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप 15 लाख नहीं दे सके, तो कम से कम 15 हजार तो दे दो मित्रों।
बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही असदुद्दीन ओवैसी ने हज सब्सिडी खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे। ओवैसी ने केंद्र सरकार को देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू तीर्थयात्रियों को दी जा रही वित्तीय सहायता और सब्सिडी को खत्म करने की चुनौती दी है।
ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी खत्म करने पर कहा कि भाजपा, आरएसएस व अन्य संगठन महज 200 करोड़ रुपये पर हंगामा मचाते रहे हैं और इसे अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करार देते रहे हैं। जबकि विभिन्न राज्यों में विभिन्न धार्मिक आयोजनों और तीर्थयात्राओं पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं।