गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के प्रेस कॉन्फेंस को पत्रकारों ने मंगलवार (16 जनवरी) को बहिष्कार कर दिया, क्योंकि उन्होंने एक अंग्रेजी चैनल के पत्रकार की मौजूदगी में बोलने से इनकार कर दिया। चेन्नई में छात्रों और शिक्षाविदों के साथ बंद कमरे के संवाद के बाद मेवाणी ने पत्रकारों से बातचीत की सहमति जताई थी।
(Indian Express Photo/Shekhar Yadav)दरअसल, जिग्नेश एक समारोह में शिरकत करने मंगलवार को चेन्नई आए हुए थे। सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और अकादमिक जगत से जुड़े लोगों से मुलाकात के बाद उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। लेकिन संवाददाता सम्मेलन शुरू ही होने वाला था कि जिग्नेश रिपब्लिक टीवी माइक देखकर भड़क गए और उसे हटाने को कहा।
मेवाणी ने कहा कि वह इस चैनल (रिपब्लिक) की मौजूदगी में बात नहीं करेंगे, क्योंकि यह ‘उनकी नीति’ है। साथ ही उन्होंने रिपब्लिक टीवी के पत्रकार को भी बाहर जाने के लिए कहा। इसके बाद विभिन्न न्यूज चैनलों के पत्रकारों ने एकजुट होकर गुजरात के विधायक का ही बहिष्कार कर दिया और वहां से बाहर चले गए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ पत्रकारों ने स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश करते हुए उनसे कहा कि यह महज बाइट लेने के लिए है, विशेष इंटरव्यू के लिए नहीं। तब जिग्नेश ने वहां मौजूद पत्रकारों से कहा कि, ‘मैं सवालों का जवाब नहीं दूंगा। पहले इसका माइक (रिपब्लिक) हटाइए।’
इसके बाद टाइम्स नाउ के रिपोर्टर शब्बीर अहमद ने जिग्नेश से कहा कि, ‘आप ऐसी मांग नहीं कर सकते हैं। हमलोग ऐसा प्रेस कांफ्रेंस नहीं चाहते हैं। आप जा सकते हैं।’ अन्य पत्रकारों ने भी रिपब्लिक टीवी के पत्रकार के साथ एकजुटता दिखाई और जिग्नेश के प्रेस कॉन्फेंस का बहिष्कार कर दिया।
रिपब्लिक के पत्रकार ने कहा कि, ‘‘हम अपना माइक्रोफोन लगा रहे थे। उन्होंने जैसे ही हमारा माइक्रोफोन देखा, तो हमसे हटाने के लिए कहा। मैंने उनसे कहा कि हम जनरल बाइट चाहते हैं और कोई विशेष बातचीत नहीं चाहते। परंतु उन्होंने इनकार कर दिया।’’ इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों ने संवाददाता सम्मेलन का बहिष्कार किया। मेवाणी के रवैये के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर पत्रकारों की सराहना हो रही है।