केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए मंगलवार (16 जनवरी) को हज पर मिलने वाली सब्सिडी बंद करने का ऐलान कर दिया। सरकार के इस फैसले से 1.75 लाख हज यात्री प्रभावित होंगे। इस फैसले के बाद इस बार पहली बार एक लाख 75 हजार लोग बिना किसी सब्सिडी के हज पर जाएंगे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को खुद इस बारे में जानकारी दी।
File Photo: AFPइस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नकवी ने बताया कि हज की सब्सिडी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गरीब मुस्लिमों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। सब्सिडी का फायदा एजेंट्स उठा रहे थे। सरकार हर साल 700 करोड़ रुपये हज यात्रा की सब्सिडी पर खर्च करती थी। बताया जा रहा है कि आजादी के बाद पहली बार हज यात्रियों की सब्सिडी हटाई गई है।
#FLASH Union government withdraws subsidy to Haj pilgrims.
— ANI (@ANI) January 16, 2018
नकवी ने बताया कि पिछले साल जहां सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे, वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे। यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है। साथ ही नकवी ने बताया कि हज सब्सिडी से बचने वाली राशि सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी।
बता दें कि पिछले साल हज नीति तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। नई हज नीति को 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक तैयार किया गया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि 10 साल यानी 2022 तक सब्सिडी खत्म की जाए। इसके बाद ही हज सब्सिडी वापस लेने की नीति तैयार की गई।
बता दें कि हर वर्ष भारत से हजारों मुसलमान सऊदी अरब हज के लिए जाते हैं। हाजियों की यात्रा के खर्च का कुछ हिस्सा सरकार सब्सिडी के रूप में मुहैया कराती है। हज के अलावा अन्य धार्मिक यात्राओं जैसे कैलाश मानसरोवर और ननकाना साहिब गुरुद्वारा की यात्रा के लिए भी सरकार सब्सिडी देती है।