उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद राज्य की परिवहन निगम बसों और यूपी का एनेक्सी हाउस यानी लाल बहादुर शास्त्री भवन, बुलंदशहर के सिकन्द्राबाद में अनाज, फ़ल और सब्ज़ी मंडी समिति को पूरी तरह भगवा रंग में रगने के बाद अब लखनऊ के बापू भवन के सामने स्थित यूपी हज हाउस समिति की दीवारों को भी भगवा रंग में पेंट कर दिया गया है। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
फोटो- ANIबता दें कि, इससे पहले हज हाउस की दीवारों पर सफेद और हरा रंग था जो अब भगवा रंग में नज़र आ रहा है। इमारतों का गेरुआ रंग से पेंट होने का सिलसिला सिर्फ राजधानी लखनऊ नहीं बल्कि यूपी के अन्य इलाकों में देखने को मिल रहा है। योगी सरकारी आने के बाद से प्रदेश में सरकारी कामकाज में भगवा रंग का प्रयोग तेजी से बढ़ा है।
बता दें कि, इससे पहले दिसंबर महीने में पीलीभीत जिले में शिक्षकों के विरोध के बावजूद 100 से अधिक प्राइमरी स्कूलों को ‘भगवा रंग’ में रंग दिया गया है। यह मामला उस समय जानकारी में आया था, जब जिलाधिकारी सहित जिले के अधिकारियों ने स्कूलों की जांच की।
Uttar Pradesh: Exterior walls of Haj House in Lucknow painted saffron. pic.twitter.com/xio9celKeL
— ANI UP (@ANINewsUP) January 5, 2018
इमारतों के भगवाकरण का सिलसिला अक्टूबर महीने से जारी है जब मुख्यमंत्री के दफ्तर ऐनेक्स को केसरिया रंग में पेंट किया गया था। लखनऊ से शास्त्री भवन में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहले सफेद रंग से पेंट था। इसके बाद कई सरकारी इमारतों को गेरुआ रंग में रंगा जा रहा है।
बता दें कि, इससे पहले 25 सितंबर को योगी सरकार ने भगवा रंग की बसें सड़कों पर उतारी थी। इन बसों को दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिया गया था। भगवा रंग की इन 50 बसों को ‘संकल्प सेवा’ कहा गया था।
हालांकि, रंग तो अक्सर सरकारों के साथ बदल जाते हैं, लेकिन यूपी में कलर पॉलिटिक्स नई नहीं है। बता दें कि, यूपी की सत्ता में जब भी कोई पार्टी आती है तो वो बसों का रंग बदल देती है। सत्ता में बसपा आई थी, परिवहन निगम की बसों से लेकर रोड डिवाइडरों तक के रंग नीले होने लग गए थे।
वहीं, जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो बसें लाल और हरे रंग की होती थी। अब योगी सरकार भी कलर पॉलिटिक्स में कैसे पीछे रह सकती है। यही वजह है कि इमारतें भगवा रंग में रंगी जा रही है।