मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद की रैली में मंच साझा करना फिलिस्तीन के राजदूत वालिद अबू अली को भारी पड़ा। भारत की कड़ी आपत्ति के बाद फिलिस्तीन ने कार्रवाई करते हुए राजदूत को वापस बुला लिया है और इस घटना पर खेद भी जताया है। इसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल हायजा ने शनिवार (30 दिसंबर) को कहा कि भारत और फिलिस्तीन के मित्रतापूर्ण संबंधों को देखते हुए अली का कदम अस्वीकार्य है। अली को इस्लामाबाद छोड़ने को कहा गया है। बता दें कि शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में पाक के रावलपिंडी में एक रैली में फिलिस्तीन राजदूत और हाफिज सईद एक मंच पर दिखाई दिए थे। रैली इस्लामी समूहों के संगठन ‘दिफा-ए-पाकिस्तान’ काउंसिल की थी।
इसके बाद सरकार ने भारत में फिलिस्तीन के राजदूत और विदेश मंत्री को भारत की चिंता से अवगत कराते हुए इसे अस्वीकार्य बताया। भारत की आपत्ति के बाद फिलिस्तीन ने आश्वस्त किया है कि वह आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। उसने साफ किया कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ संबंध नहीं रखेगा, जिसने भारत के खिलाफ आतंकी कृत्य को अंजाम दिया है।
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल हैजा ने अपने इस्लामाबाद के राजदूत का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें पता नहीं था कि हाफिज कौन हैं। रैली में क्योंकि हाफिज का भाषण राजदूत के भाषण के बाद था इसलिए उन्हें पता ही नहीं चल सका। जैसे ही हाफिज सईद ने भाषण में अपने बारे में बताया हमारे राजदूत तुरंत वहां से उठकर चले गए।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में इजरायल के साथ मधुर संबंधों के बावजूद दशकों की पुरानी दोस्ती के चलते भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के समर्थन में वोट दिया था। यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ यह वोटिंग हुई थी।
भारत ने इजरायल के खिलाफ यह वोटिंग तब की जब वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसी जनवरी में भारत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अगले साल के शुरुआती महीनों में ही फिलिस्तीन जाने वाले हैं। ऐसे में फिलिस्तीन दोनों देशों के बीच संबंधों में किसी तरह की खटास नहीं आने देना चाहता था।