चारा घोटाला: लालू यादव को जेल में मिली टीवी देखने और अखबार पढ़ने की सुविधा

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चारा घोटाला के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत की ओर से शनिवार को दोषी ठहराए जाने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल भेजे गए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को जेल में अखबार और टीवी की सुविधा दी गई है। बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि जेल नियमावली के अनुसार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सप्ताह के कामकाजी दिनों में सुबह आठ बजे और दोपहर 12 के दौरान मुलाकातियों से भेंट कर सकते हैं।वर्ष 2014 में लालू का दिल का ऑपरेशन हुआ था और उनका खान-पान काफी संयमित है। न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक आरजेडी की झारखंड इकाई की अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि लालू यादव को कल जेल का खाना दिया गया था। आरजेडी की वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि आगामी दिनों में वे (जेल के अधिकारी) उन्हें घर का बना खाना देने पर विचार कर सकते हैं।

वर्ष 1991 और 1994 के बीच देवघर कोषागार से धोखाधड़ी से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू सहित 15 अन्य को दोषी करार दिया है। अदालत तीन जनवरी को उन्हें सजा सुनाएगी।

लालू, जगदीश शर्मा, राणा सहित 16 दोषी करार

बता दें कि शनिवार (23 दिसंबर) को चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के लालू प्रसाद, पूर्व सांसदों आर के राणा और जगदीश शर्मा एवं कई आईएएस अधिकारियों सहित 16 आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया।

वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया। अदालत के फैसले के बाद दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया।

लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पूर्व कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और इस फैसले के खिलाफ वह हाईकोर्ट जाएंगे जहां उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इस मुकदमे में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शाम पौने चार बजे फैसला सुनाया।

उन्होंने सबसे पहले इस मामले में मिश्रा, निषाद, भगत, चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने इसके बाद मामले के 22 आरोपियों में से शेष सभी 16 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने का निर्देश दिया।

 

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