राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने बुधवार (13 दिसंबर) को एक बड़ा आदेश जारी करते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड से कहा है कि वह अमरनाथ पवित्र गुफा के पास जयकारे लगाने और मंत्रों के उच्चारण करने पर रोक लगाए। इसके साथ ही एनजीटी ने यात्रा के दौरान आखिरी चेक पोस्ट के बाद मोबाइल और घंटियां ले जाने पर भी पाबंदी लगाने का आदेश दिया है।
PHOTO: IEमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश देते हुए कहा कि यह इलाका पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इस इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए।
NGT directs Shrine board that there should be no chanting of 'mantras' or 'jaykaras' in Amarnath. NGT also directs that from the last check post there should be single line of people walking towards the cave.
— ANI (@ANI) December 13, 2017
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश देते हुए कहा कि यह इलाका पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इस इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आदेश देते हुए कहा कि अमरनाथ मंदिर में घंटियां नहीं बजनी चाहिए। साथ ही मंत्र और जयकारें भी न लगाए जाए। इसके अलावा आखिरी चेक पोस्ट पर श्रद्धालुओं को को मोबाइल फोन और अन्य सामान ले जाने की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि, ‘श्राइन बोर्ड को यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां एक अलग स्टोर रूम बनना चाहिए, जहां लोग अपने सामान को जमा करा सकें।’ यही नहीं एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक ही लाइन में जाएं।
बता दें कि इससे पहले NGT ने पिछले महीने 13 नवंबर को निर्देश दिया था कि जम्मू स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन केवल 50,000 तीर्थयात्रियों को ही जाने की इजाजत होगी। NGT ने कहा कि यदि संख्या तय सीमा से अधिक होती है तो तीर्थयात्रियों को कटरा या अर्द्धकुमारी में रोक दिया जाएगा।