केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को मंगलवार (5 दिसंबर) को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। राजनीतिक विरोधियों ने रक्षा मंत्री पर आरोप लगाया कि उनके सामने ही भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कथित तौर पर अपमान किया गया। हालांकि विवाद बढ़ता देख खुद रक्षा मंत्री और उनके मंत्रालय ने सामने आकर इसका बचाव किया।दरअसल, यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर ट्वीट की गई, जिसमें दक्षिण भारत के ओखी प्रभावित कुछ राज्यों का दौरा करने गईं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही हैं।
RM @DefenceMinIndia Smt @nsitharaman in discussions with the officials #CycloneOckhi pic.twitter.com/LrBTdHGlbQ
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) December 3, 2017
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा ट्वीट की गई यह तस्वीर देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। दरअसल इस तस्वीर में निर्मला सीतारमण, सिविल सर्विसेज (IAS और IPS) के अधिकारी और नेता बैठे हुए नजर आ रहे हैं, जबकि वाइस एडमिरल रैंक के शीर्ष अधिकारी खड़े हैं।
इस तस्वीर पर कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया टीम के प्रमुख श्रीवत्स ने सीतारमन को टैग करते हुए पूछा, “एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, एक उप-एडमिरल, एक प्रार्थनावादी के रूप में क्यों खड़े हुए हैं? आप हमारी सेनाओं के साथ कैसा व्यवहार कर रही हैं।”
Why is a senior naval officer, a vice-admiral, made to stand as a supplicant? Is this how you treat our forces @nsitharaman? #Shame https://t.co/voK7TIJuVe
— Srivatsa (@srivatsayb) December 3, 2017
कांग्रेस नेता द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर (@DefenceMinIndia) से जवाब दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि श्री श्रीवत्स आपकी चिंता उचित है, लेकिन अधिकारियों के अपमान के आरोपों को मंत्रालय ने खारिज कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि श्री श्रीवत्स, आपकी चिंता पूरी तरह से उचित है। हालांकि इस मामले में जो तस्वीर दिखाई दे रही है वह उस वक्त की है जब अधिकारियों ने कमरे प्रेवश किया। जैसे ही रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को खड़े देखा उन्होंने तुरंत कुर्सी लाने का निर्देश दिया, क्योंकि बैठक में अन्य अधिकारी बैठे हुए थे।
Shri Srivatsa, your concern is absolutely justified. In this case however, picture taken is right at the beginning of officers entering the room. As soon as RM @nsitharaman saw officers standing,she directed bringing chairs & the officers were seated for rest of the meeting
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 4, 2017
रक्षा मंत्रालय के जवाब के बाद श्रीवत्स ने फौरन एक अलग एंगल से ली गई अन्य तस्वीर ट्वीट किया जिसमे रक्षा मंत्री के दावों के विपरित नौसैनिक अधिकारी सावधान मुद्रा में खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस नेता ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह वही बैठक है जिसमें कोई अतिरिक्त कुर्सियां नहीं हैं, कृपया झूठ बोलना बंद करिए और हमारे सुरक्षा बलों का सम्मान करें।”
This is the same meeting. There are no extra chairs. Please stop lying and respect our armed forces ???? pic.twitter.com/rty3jkh2VH
— Srivatsa (@srivatsayb) December 5, 2017
इसके बाद विवाद बढ़ता देख खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर मोर्चा संभाला। उन्होंने झूठ बोलने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमने अतिरिक्त कुर्सिया लाने को कहा था। रक्षा मंत्री ने लिखा कि क्षमा करें, कोई झूठ नहीं बोल रहा है, मैंने जैसे ही बातचीत शुरू की उसके फौरन बाद कुर्सियां लाने के लिए कहा था। संभवत: यह फोटो दूसरे साइट से ली गई थी।
दरअसल निर्मला सीतारमण के आदेश के बाद नौसेना के अधिकारियों को बाद में बैठने के लिए सीट दिया गया था, लेकिन यह फोटोग्राफर की गलती थी कि उसने उस दृश्य को अपने कैमरे में कैद नहीं किया। न तो रक्षा मंत्री और न ही उनके मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने अपने दावों को साबित करने के लिए किसी भी तस्वीर को पोस्ट की।
हालांकि रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की तस्वीर पोस्ट की थी। इस तस्वीर में नौसैनिक वास्तव में बैठे हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन यह एक अलग बैठक की तस्वीर थी, जो एक दिन बाद आयोजित किया गया था।
जिस फोटो में नौसैना के अधिकारियों को खड़े देखा गया था वह तस्वीर 3 दिसंबर को 5.37 बजे पोस्ट किया गया था, जबकि केरल मुख्यमंत्री के साथ बैठक की तस्वीर एक दिन बाद 4 दिसंबर को 11.54 बजे पोस्ट की गई थी। एक बैठक केरल में थी, जबकि दूसरा तमिलनाडु में था।
#CycloneOckhi – To take stock of the situation in Kerala, Smt @nsitharaman meets the Hon CM of Kerala, Shri Pinarayi Vijayan at the Air Force Station Technical Area in Thiruvananthapuram pic.twitter.com/QpVbwiTyFi
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 4, 2017
विडंबना यह है कि भारतीय सुरक्षा बलों के शीर्ष रैंकिंग अधिकारियों का कथित तौर पर अपमान उस वक्त हुआ है जब भारत सरकार सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों का सम्मान करने के लिए सशस्त्र बल सप्ताह का जश्न मनाने का फैसला किया है। हालांकि यह समारोह भी उस वक्त विवादों में फंस गया जब निर्मला सीतारमण पर कथित तौर पर मोबाइल वालेट पेटीएम को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया। दरअसल उन्होंने सार्वजनिक तौर पर लोगों को पेटीएम का उपयोग कर सैनिकों के लिए दान देने का आग्रह किया था।
बता दें कि पेटीएम के मालिक विजय शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी बताया जाता है। पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया था कि कथित तौर पर ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम को फायदा पहुंचाने के लिए पिछले साल नोटबंदी की घोषणा की गई थी।