अभिनेता शशि कपूर ने 4 दिसंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शशि ने वैसे तो कई फिल्मों में काम किया, लेकिन अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने करीब 12 फिल्में की। इसी के साथ अमिताभ बच्चन और शशि कपूर एक ऐसी सफल जोड़ी बनकर उभरे जिसका कोई काट नहीं था।
कहा जाता है कि दोनों की दोस्ती पक्की थी अमिताभ बच्चन के लिए शशि फरिश्ते से कम नहीं थे। अमिताभ बच्चन ने जब मैगजीन पर पहली बार शशि कपूर की तस्वीर देखी थी, तब अभिनेता बनने की चाहत रखने वाले बिग बी के मन में ख्याल आया था- “यदि आसपास ऐसे आदमी हो, तो मेरा कोई चांस नहीं।”
किडनी सम्बंधी समस्या से गुजर रहे शशि कपूर के निधन की खबर सुनते ही महानायक अमिताभ बच्चन उन्हें श्रंद्धाजलि देने पहुंचे। देर रात ऐश्वर्या-अभिषेक के साथ अमिताभ बच्चन उनके मुंबई स्थित घर पहुंचे।
बिग बी ने लिखा कि उन्होंने अपना दोस्त और भाई खो दिया। उन्होंने ब्लॉग का कैप्शन लिखा, ‘आपके बबुआ की तरफ से शशि जी’। बता दें कि शशि साहब उन्हें प्यार से ‘बबुआ’ कहकर बुलाते थे।
अपने ब्लॉग पर अमिताभ बच्चन ने शशि कपूर से जुड़ी कई यादें साझा की है। अमिताभ बच्चन ने उन्हें पहली बार मैगजीन पर देखने से लेकर पहली मुलाकात और आगे के सफर को याद किया है। बच्चन ने बताया कि शशि कपूर की याददाश्त बेहद शानदार थी। शशि कपूर को उन्होंने अपना खूबसूरत दोस्त, समधि बताया। ब्लॉग में अमिताभ ने इस बात का जिक्र किया कि शशि कपूर उन्हें बबुआ बुलाते थे।
अमिताभ बताते हैं कि किस तरह पत्नी जेनिफर की मौत के बाद शशि किस तरह अकेले हो गए थे। अमिताभ अपने ब्लॉग में लिखते हैं कि कई तरह की बीमारियों से लड़ते हुए शशि को देखकर उन्होने बहुत कुछ सीखा। 75 साल के बिग बी ने अपने ब्लॉग में बताया है कि कैसे हर मुलाकात में शशि कपूर और उनकी दोस्ती गहरी होती चली गई।
गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन के साथ शशि कपूर की जोड़ी खूब सराही गई थी। साल 1975 में आई फिल्म ‘दीवार’ में दोनों ने भाईयों का किरदार निभाया था। फिल्म के एक सीन में शशि कपूर का डायलॉग “मेरे पास मां है..” आज भी दर्शकों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। इनकी जोड़ी एहसास (1979), सुहाग (1979), त्रिशूल (1978), नमक हलाल (1982), रोटी कपड़ा और मकान (1974) समेत कई फिल्मों में जमी थी।