देश के पूर्व रक्षा मंत्री और वर्तमान में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि, जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि किसी भी स्थिति में न्यूनतम जिंदगियों को ही नुकसान हो।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकरमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेके सीमेंट ‘स्वच्छ एबिलिटी रन’ के दूसरे संस्करण के पुरस्कार वितरण समारोह में पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने सैन्य बलों के जवानों को खुद शहीद होने की जगह दुश्मन का सफाया करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा, हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा में उनके योगदान को नहीं भूल सकते।
Told soldiers-martyrdom is great&sacrifice for nation is must but it doesn't mean you get killed when you go fighting,kill your enemy-Goa CM pic.twitter.com/cEmTjAoNOI
— ANI (@ANI) November 5, 2017
साथ ही उन्होंने कहा कि, देश के लिए सब कुछ बलिदान करना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जब आप लड़ने जाएं तो अपनी जान गंवा दें, बल्कि आपको अपने दुश्मनों का सफाया कर देना चाहिए। यही लक्ष्य था।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कभी-कभी शारीरिक रूप से अक्षम लोग सामान्य व्यक्ति की तुलना में समाज में ज्यादा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, मैं यहां आया हूं क्योंकि मैं दिव्यांगों को समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा मानता हूं।
वे कभी-कभी सामान्य व्यक्ति से ज्यादा योगदान दे सकते हैं और मैंने इन क्षमताओं को देखा है। कुछ चीजों में उन्हें नुकसान होता लेकिन कुछ अन्य चीजों में मैंने उनकी क्षमताओं को देखा है।