शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की लहर फीकी पड़ गई है। उन्होंने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के खिलाफ गुजरात के लोगों में रोष इस बात का संकेत है कि भाजपा को चुनाव में एक कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
file photoन्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, उन्होंने सोशल मीडिया के एक धड़े द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष की खिल्ली उड़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने जाने वाले नाम का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं, उन्हें ‘पप्पू’ कहना गलत है।’
कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े भी मौजूद थे। राउत ने संभवत: भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘देश में सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति जनता है…मतदाता हैं। वो किसी को भी पप्पू बना सकते हैं।’
ख़बरों के मुताबिक, साथ ही उन्होंने कहा कि, 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर थी लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह फीकी पड़ गई है। जीएसटी पेश किए जाने के बाद जिस तरह से लोग गुजरात की सड़कों पर मार्च कर रहे हैं, उससे लगता है कि वो (भाजपा) चुनौती का सामना करने जा रही है।
गौरतलब है कि भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया था। बता दें कि, गुजरात चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के एक दिन बाद राउत की यह टिप्पणी आई है।
बता दें कि, इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को कहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दल मजबूत बनेंगे। ठाकरे ने कहा, मैं सहमत हूं कि विपक्ष थोड़ा कमजोर है लेकिन गुजरात चुनाव के बाद यह मजबूत बनेगा। विपक्ष में बदलाव दिखाई देगा।
साथ ही उन्होंने कहा था कि, मुझे हैरानी हो रही है कि प्रधानमंत्री समेत इतने मंत्री केवल एक राज्य में इतनी रैलियां क्यों कर रहे हैं। भले ही यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है, लेकिन यह अच्छा नहीं लगता कि देश का प्रमुख एक राज्य के लिए चुनाव प्रचार कर रहा है।
ठाकरे ने कहा कि यदि गुजरात में भाजपा नीत सरकार ने अच्छा काम किया है, तो राज्य में पार्टी के लिए इतनी अधिक संख्या में मंत्रियों को प्रचार करने की आवश्यकता नहीं है। नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद और नोट छपवाए और भाजपा को इससे लाभ हुआ।
साथ ही ठाकरे ने कहा था कि भाजपा के अलावा किसी राजनीतिक दल के पास इतना फंड नहीं है। उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि उन्हें इतना फंड कैसे मिला।