आरुषि और नौकर हेमराज के मर्डर केस में सजा काट रहे डॉक्टर राजेश और नूपुर तलवार सोमवार(16 अक्टूबर) को गाजियाबाद की डासना जेल से रिहा हो गए हैं। बता दें कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट गुरुवार(12 अक्टूबर) को राजेश और नुपूर तलवार को उनकी किशोरी बेटी आरुषि और घरेलू सहायक हेमराज के सनसनीखेज हत्या मामले में बरी कर दिया था।
बता दें कि, सीबीआई की अदालत ने उन्हें 14 वर्षीय आरुषि की हत्या का दोषी ठहराया था। सीबीआई की अदालत ने तलवार दंपति को 26 नवंबर 2013 को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से वो गाजियाबाद की डासना जेल में बंद थे।
#Visuals from Ghaziabad: Rajesh & Nupur Talwar released from Dasna Jail after Allahabad HC acquitted them in 2008 Aarushi-Hemraj murder case pic.twitter.com/4UE9fxVKhR
— ANI (@ANI) October 16, 2017
बता दें कि, मई 2008 में तलवार दंपति के नोएडा स्थित आवास पर उनकी बेटी आरुषि अपने कमरे में मृत मिली थी। उसकी हत्या गला काटकर की गई थी। शुरुआत में शक की सुई 45 वर्षीय हेमराज की ओर घूमी थी क्योंकि घटना के बाद से वह लापता था। लेकिन दो दिन बाद हेमराज का शव बिल्डिंग की छत से मिला था।
इस मामले में लापरवाही पूर्ण तरीके से जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी आलोचना हुई थी, इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी थी।
जानें- 2008 से अब तक इस मामले में कब क्या-क्या हुआ?
- 16 मई 2008: आरुषि तलवार अपने बेडरूम में मृत पाई गई। हत्या का शक घरेलू नौकर हेमराज पर गया।
- 17 मई 2008: नौकर हेमराज का शव उस इमारत की छत पर पाया गया, जिसमें तलवार का फ्लैट है।
- 19 मई 2008: तलवार के पूर्व घरेलू सहायक विष्णु शर्मा को संदिग्ध माना गया।
- 23 मई: आरुषि के पिता राजेश तलवार को मुख्य आरोपी बताकर गिरफ्तार किया गया।
- 01 जून: मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ली।
- 13 जून: सीबीआई ने तलवार के घरेलू सहायक कृष्णा को गिरफ्तार किया।
- 26 जून: सीबीआई ने मामले को सुराग विहीन बताया। गाजियाबाद के विशेष मेजिस्ट्रेट ने राजेश तलवार को जमानत देने से इनकार कर दिया।
- 12 जुलाई: राजेश तलवार को जमानत दी गई।
- 29 दिसंबर: सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट जमा की, जिसमें घरेलू नौकरों को क्लीन चीट दिया गया, लेकिन माता-पिता की तरफ उंगली उठाई।
- 9 फरवरी, 2011: अदालत ने सीबीआई रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वह आरुषि के माता-पिता पर लगाए गए हत्या और सबूत मिटाने के अभियोजन के आरोप को लेकर मामला जारी रखें।
- 21 फरवरी: तलवार दंपाि ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से निचली अदालत द्वारा जारी किए गए सम्मन को खारिज करने के लिए संपर्क किया।
- 18 मार्च: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
- नवंबर, 2013: राजेश और नुपूर तलवार को दोहरी हत्या का दोषी करार देते हुए सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गाजियाबाद में उन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- सात सितंबर, 2017: इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने माता-पिता की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा और 12 अक्तूबर को फैसले की तारीख दी।
- 12 अक्तूबर, 2017: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि के माता-पिता को बरी किया।
- 16 अक्टूबर 2017: डासना जेल से रिहा हुए राजेश और नूपुर तलवार।