स्वदेशी एंटी-पनडुब्बी जहाज आईएनएस किलटन सोमवार को नौसेना मे शामिल हो गया, केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार(16 अक्टूबर) को कमिशनिंग सेरेमनी के दौरान इसका उद्घाटन किया। इसका नाम लक्षदीप के नाम पर द्वीप रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी तरह से स्वदेशी पनडुब्बी पानी के अंदर दुश्मन के किसी भी हमले को नाकाम करने में सक्षम है। इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है। इस पनडुब्बी को बनाने में हाई क्लास स्टील डीएमआर 249 का उपयोग किया गया है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि सेल इस स्टील को तैयार किया है। इस युद्धपोत का वजन करीब 3500 टन है और इसकी मारक क्षमता भी काफी अचूक है। आइएनएस किलतान के नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत में और इजाफा हो गया है।
ये युद्धपोत 109 मीटर लंबा है और इसमें चार डीजल इंजन इसमें लगे हैं, जो करीब 45 किलोमीटर रफ्तार से चल सकते है। इसमें आधुनिक हथियार व सेंसर लगे हैं। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस युद्धपोत में हेलिकॉप्टर के लैंडिंग की भी सुविधा है। नौसेना का ये युद्धपोत रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों से भी लड़ने में सक्षम है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में शामिल होने वाले शिवालिक श्रेणी, कोलकाता श्रेणी और आईएनएस कमोर्ता और आईएनएस कदमट्ट के बाद इसी श्रेणी का तीसरा किलतान नया स्वदेशी युद्धपोत है। यह भारत का पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है।
सीतारमण ने इस मौके पर कहा, आईएनएस किलतान हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और चूंकि यह पूरी तरह यहां बना है तो यह हमारे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में चमकता पोत होगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एच.एस. बिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी यहां नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम में शामिल हुए।