अमित शाह के बेटे पर लगे आरोपों पर RSS ने पहली बार दिया बयान, कहा- अगर आरोप गंभीर हो तो जांच होनी चाहिए

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न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुना बढ़ने की खबर ने सियासी हलकों में हंगामा मचा दिया है। जय शाह पर लगे आरोपों ने कांग्रेस को बैठे-बैठे एक हथियार दे दिया है। इस बीच इस मामले में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) की ओर से बयान आया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि अगर पहली नजर में कोई मामला बनता हो तो जांच होनी चाहिए, लेकिन आरोप लगाने वालों को आरोपों को सिद्ध भी करना चाहिए। बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस बीजेपी को लगातार घेर रही है। इतना ही नहीं विपक्ष के साथ-साथ अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी अपनी पार्टी पर जमकर हमला बोला है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार(12 अक्टूबर) से शुरू हो रही तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक से पहले संघ के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने पत्रकारों से कहा कि किसी भी भ्रष्टाचार के आरोपों की आवश्यक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपों के सिद्ध होने पर ही कार्रवाई हो सकती है। उससे पहले आरोप लगाने वालों को इन्हें सिद्ध करना चाहिए।

बता दें कि न्यूज वेबसाइट द वायर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमित शाह के बेट जय शाह ने एक ही साल में अपने बिजनेस टर्नओवर को 50,000 से बढ़ाकर 80 करोड़ किया है। हालांकि, जय शाह और बीजेपी की ओर से इस आरोपों को खारिज कर दिया गया है। वहीं, जय शाह की ओर से वेबसाइट पर 100 करोड़ रुपए की मानहानि का केस भी किया गया है।

भोपाल में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि देश अभी नाजुक हालत से गुजर रहा है। लोकतंत्र में बहस होना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो विचारधारा में हमसे हार गए हैं, वो केरल में हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया। वेबसाइट के मुताबिक, यह खुलासा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों से सामने आई है।

द वायर के मुताबिक, कंपनी की बैलेंस शीटों और आरओसी से हासिल की गई वार्षिक रिपोर्टों के मुताबिक, वर्ष 2013 और 2014 के मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों में शाह की टेंपल इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोई खास कारोबार नहीं कर रही थी और इन वर्षों में कंपनी को क्रमशः 6,230 और 1,724 रुपये का घाटा हुआ।

वहीं, 2014-15 में कंपनी ने महज 50,000 रुपये की आमदनी पर 18,728 रुपये का लाभ दिखाया। जबकि 2015-16 में कंपनी का टर्नओवर आसमान में छलांग लगाते हुए बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये को छू गया। यह 2014-15 के मुकाबले 16 हजार गुना ज्यादा है।

वेबसाइट का दावा है कि टेंपल इंटरप्राइज के राजस्व में यह हैरान करने वाली बढ़ोत्तरी एक ऐसे समय में हुई जब कंपनी को राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शीर्ष एक्जीक्यूटिव परिमल नाथवानी के समधी राजेश खंडवाला के स्वामित्व वाली एक वित्तीय सेवा कंपनी से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज मिला था।

हालांकि, एक साल बाद अक्टूबर, 2016 में जय शाह की कंपनी ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों को अचानक पूरी तरह से बंद कर दिया। द वायर के मुताबिक, निदेशकों की रिपोर्ट में यह कहा गया कि पिछले वर्ष हुए 1.4 करोड़ रुपये के घाटे और इससे पहले के सालों में होने वाले नुकसानों के कारण कंपनी का नेटवर्थ पूरी तरह से समाप्त हो गया है।

100 करोड़ का दायर किया केस

इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने वेब पोर्टल ‘द वायर’ से जुड़े सात लोगों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में जय अमितभाई शाह ने ‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह, फाउंडर एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एमके वेणु, मोनोबिना गुप्ता, पामेला फिलिपोज को इस मानहानि केस में पार्टी बनाया है। जय शाह ने ‘द वायर’ की मिल्कियत रखने वाले ट्रस्ट ‘फ़ाउंडेशन फ़ॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज़्म’ पर भी केस किया है।

 

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