वर्ष 2002 में गोधरा में ट्रेन के डिब्बे को आग के हवाले करने वाले मामले में एसआईटी की विशेष कोर्ट की ओर से आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर आज यानी सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता हैं। ट्रायल कोर्ट में दोषी ठहराए गए इन आरोपियों का कहना था कि उन्हें न्याय नहीं मिला है और उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।
मालूम हो कि 27 फरवरी, 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी। घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में अधिकांश कार सेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना के बाद राज्यभर में ब़़डे पैमाने पर हिंसा और दंगे हुए थे।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पिछले 15 वर्षों से यह केस चल रहा है और आज इस केस में एक और फैसला आने की उम्मीद है। इस मामले में 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा हुई थी। कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में कई लोगों ने चुनौती दी है, जिसका फैसला आज अदालत में होना है।
गुजरात सरकार द्वारा गठित नानावटी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एस-6 कोच का अग्निकांड कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि उसमें आग लगाई गई थी। 2002 में हुए इन दंगों में 1000 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसी बीच बता दें कि पिछले ही सप्ताह गुरुवार को हाइकोर्ट ने ज़ाकिया ज़ाफ़री मामले में दुबारा जांच आदेश देने से मना कर दिया था।