38 दिनों में हनीप्रीत को ट्रेनिंग दी गई कि कैसे पुलिस का सामना करना है, नहीं दिया पुलिस के कड़े सवालों का जवाब

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गुरमीत राम रहीम की सबसे करीबी समझी जाने वाली हनीप्रीत को 38 दिन बाद पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब रही। गुरमीत राम रहीम और खुद के संबंधों को लेकर हनीप्रीत इंसा ने पहली बार मीडिया में खुलकर सफाई दी है। लॉकअप में पहली रात हनीप्रीत ने रो-रोकर गुजारी। महलों में रहने वाली हनीप्रीत पंचकूला के थाने में चटाई पर बैठी।

हरियाणा और पंजाब पुलिस गुरुवार को उसे लेकर बठिंडा की नई बस्ती की गली नंबर 5 गई। वहां वह कई दिनों तक रुकी हुई थी। सूत्रों से जानकारी मिली है कि हनीप्रीत ही डेरे का पूरा फाइनेंस देखती थी। पुलिस को वहां से एक हार्ड डिस्क भी मिली है, जिसमें गुरमीत की 700 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी मिली है।

हरियाणा पुलिस लगातार हनीप्रीत से डेरा के राज उगलवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हनीप्रीत कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। जेल में उससे जो भी सवाल पूछे गए, उसने ज्यादातर पर चुप्पी साधे रखी। दिवंगत पत्रकार रामचंदर छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने दावा किया कि इन 38 दिनों में हनीप्रीत को ट्रेनिंग दी गई कि गिरफ्तारी के बाद उसे कैसे पुलिस का सामना करना है। छत्रपति का कहना है कि मीडिया के सामने हनीप्रीत जो बोली वो उसे 38 दिन में सिखाया गया।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद से ही आईजी ममता सिंह, पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला, डीसीपी मनबीर सिंह और दूसरे पुलिस अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं। बता दें कि हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की टीम ने उससे 40 सवाल किए। इनमें से 13 सवालों पर तो हनीप्रीत चुप रही जबकि ज्यादातर का जवाब घुमा फिराकर दिया। कुछ सवाल जो पुलिस ने हनीप्रीत से किया।

पुलिस:    पंचकूला में दंगा फैलाने के लिए कोड क्या था?
हनीप्रीत:  दंगे की बात गलत है, कुछ शरारती तत्वों ने दंगा भड़काया होगा।

पुलिस:     लाल सूटकेस से क्या इशारा किया गया?
हनीप्रीत:  यह गलत अफवाह है, सूटकेस में मेरा सामान था।

पुलिस:    फरारी के दौरान 38 दिनों तक कहां थी?
हनीप्रीत:  जहां मैंने खुद को सुरक्षित समझा वहीं पर रुकी थी, हरियाणा के कई स्थानों के अलावा राजस्थान, पंजाब और दिल्ली के कई स्थानों पर ठहरी थी।

पुलिस:    इन 38 दिनों में आपने कहां-कहां पनाह ली और किन लोगों से मदद ली?
हनीप्रीत: यह मैं नहीं बताऊंगी मेरी स्थिति ठीक नहीं थी।

पुलिस:    डेरा प्रमुख के साथ आपके रिश्ते क्या है ?
हनीप्रीत: वह मेरे पिता हैं, लोग बाप-बेटी के रिश्ते को गलत तरह से उछाल रहे हैं।

पुलिस:    न्यूज़ चैनल के संपर्क में कैसे पहुंची और किसने आपकी मदद की?
हनीप्रीत: कोई जवाब नहीं।

पुलिस:    डेरे के साधुओं को नपुंसक बनाने का क्या मामला है?
हनीप्रीत: ऐसा कुछ नहीं है।

पुलिस:    सुनारिया जेल से बाहर निकलने पर पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया?
हनीप्रीत: मैंने कोई अपराध नहीं किया था।

अंशुल छत्रपति का कहना है की ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि हनीप्रीत की मदद डेरा प्रमुख के समधी पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता हरमिंदर जस्सी ने की। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

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