मुसलमानों के चमड़े के कारखानों पर BJP सरकार की कार्रवाई से छिना रोजगार और रुका निर्यात

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए संदिग्ध आर्थिक उपायों के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट के बीच, यह यह खबर सामने आई है कि भारत में चमड़े के जूते का निर्यात भी 13 प्रतिशत कम हो गया है। यह काफी हद तक मुस्लिमों पर भाजपा सरकार की कार्रवाई के कारण हुआ है जो मवेशियों के कारोबार से जुड़े हुए थे।

समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट ने बताती है कि एचएंडएम, इंडीटेक्स के स्वामित्व वाले ज़ारा और क्लार्क्स जैसे अग्रणी वैश्विक ब्रांडों ने अब अपने आॅर्डर भारत से वापस लेने शुरू कर दिए है और अपनी आपूर्ति को जारी रखने के लिए चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और पाकिस्तान में को आॅर्डर जारी कर दिए गए है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जूते और चमड़े के कपड़ों के निर्यात में तेज गिरावट, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ा झटका साबित होगी जो 2020 तक चमड़े के उद्योग की आय को 27 अरब डॉलर में दोगुनी से अधिक कर लाखों नई नौकरियां पैदा करने की बात करते थे।

शौमेर पार्क एक्स्पोर्ट्स समूह के मुखिया नजीर अहमद आगरा से फोन पर रायटर्स को बताया कि आगरा एक जूता बनाने वाला हब के रूप में भी जाना जाता है और ताजमहल के लिए भी। लेकिन अब सरकार की पहल के बाद सोना देने वाली चिड़िया को मारा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल मार्च में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मुसलमानों के अवैध रूप से चले रहे बुचड़खानों पर क्रूर कार्रवाई का आदेश दिया था। हालांकि, चमड़े के उद्योग से जुड़े लोग कहते हैं कि भारत के मांस और चमड़े का अधिकतर व्यापार अनौपचारिक क्षेत्र पर निर्भर करता है क्योंकि लाइसेंस प्राप्त करना बेहद मुश्किल भरा काम है।

मई में केंद्र की मोदी सरकार ने बुचड़खानों पर कार्रवाई करते हुए पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने उस आदेश को उलट कर दिया था। जबकि इससे भी चमड़े और मांस उद्योग में किसी भी तरह की राहत महसूस नहीं हुई।

अहमद ने समाचार एजेंसी को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने मवेशियों के लिए व्यापार की बहाली की अनुमति दी है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गाय रक्षक समूह सक्रिय हैं और कोई भी मवेशियों को लाने ले जाने के आवागमन में अपना जीवन जोखिम में नहीं डालना चाहता।

भारत, जूतों और चमड़े के वस्त्रों की दुनिया की दूसरा सबसे बड़़ा सप्लायर है जिसमें भारत से करीब आधा चमड़े के सामान का निर्यात होता है। वित्त वर्ष में मार्च 2016-17 में विदेशों की बिक्री का अनुमान 5.7 अरब डॉलर था, जो एक साल पहले की तुलना में 3.2 फीसदी कम था। फुटवेयर निर्यात अप्रैल-जून में 4 प्रतिशत से अधिक गिरकर 674 मिलियन डॉलर का रह गया है।

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