राजस्थान के सिरोही में रामलीला के दौरान तब हलचल मच गई जब अचानक यहां राम का अभिनय का रहे युवक ने अंतिम समय पर रावण दहन से इनकार कर दिया और उसकी सेना लौट गई। जिसके बाद आनन-फानन में भीड़ में से एक बच्चे को राम बनाकर रावण दहन का कार्यक्रम किसी तरह पूरा किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन नगर परिषद की तरफ से किया गया था।
ख़बरों के मुताबिक, सिरोही नगरपरिषद में भ्रष्टाचार व राजकार्य में बाधा के आरोपी को अतिथि बनाए जाने पर राम का अभिनय का रहे युवक मनोज कुमार माली ने रावण का पुतला फूंकने से इंकार कर दिया और बिना रावण को जलाए वापस लौट गया। मनोज कुमार माली ने वहां मौजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंडल अध्यक्ष सुरेश सागरवंशी का विरोध करते हुए कहा कि, असली रावण तो मंच पर बैठे हैं। हर मुद्दे का राजनीतिकरण करते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, राम का अभिनय का रहे युवक का आरोप था कि सुरेश सागरवंशी छोटे-छोटे मुद्दों पर राजनीति करते हैं। सिरोही में करीब बीस गरबा कमेटी हैं जो नवरात्रि के दौरान सांस्कृति कार्यक्रम आयोजित करती हैं। इन सभी कमेटियों को 11,000 रुपए का अनुदान मिलता है लेकिन सागरवंशी 31,000 रुपए वसूलते हैं।
अचानक हुए इस घटनाक्रम से वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों घबरा गए। जिसके बाद आनन-फानन में भीड़ में बैठे एक बच्चे को बुलाया कर उसे श्रीराम की वेशभूषा पहनाई गई और फिर इसी बच्चे ने आखिर में रावण का दहन किया।


















