केंद्र की राजग सरकार और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना गुरुवार(28 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के समर्थन में सामने आई। शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती दी है कि वह यशवंत सिन्हा के आर्थिक हालात के बारे में लिखे गए लेख को गलत साबित करके दिखाए, साथ ही तंज किया कि विचारों को व्यक्त करने के लिए बीजेपी नेता को क्या सजा दी जाएगी? शिवसेना ने दावा किया कि बीजेपी के कई नेता व्यवस्था के खिलाफ बोलने से डरते हैं, उन्हे डर है कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें ‘‘अज्ञात खतरों’’ का सामना करना पड़ेगा। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, ‘‘कुछ लोग यह मान लेते हैं कि चुनाव जीतने और ईवीएम मशीनों से छेडछाड करने से अथवा धन के इस्तेमाल मात्र से ही विकास हो जाएगा। लेकिन अर्थ व्यवस्था की हालत अब बेहद खराब है।’’
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक संपादकीय में कहा गया, ‘‘जब मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम जैसे विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था की हालत का खुलासा करना चाहा तो उन्हें खरिज कर दिया दिया। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता जिनके पास लंबे समय तक वित्त मंत्रालय का प्रभार था, ने कुछ खुलासे किए हैं। उन्हें अब बेईमान अथवा राष्ट्र विरोधी करार दिया जा सकता है।’’
केन्द्र की राजग सरकार की सहयोगी पार्टी ने कहा, ‘‘रूस में स्टॉलिन के शासन के वक्त जिसकी विचारधारा सरकार के विपरीत होती थी या जो सच बोलता था, रात के अंधेरे में गायब हो जाता था और फिर दोबारा नहीं दिखाई देता था। हमें देखना पड़ेगा कि यसवंत सिन्हा को क्या सजा मिलती है।’’
शिवसेना ने संपादकीय में दावा किया, ‘‘अगर यशवंत सिन्हा गलत हैं तो साबित करो कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप लगत हैं। कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में अर्थ व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को ले कर रोष है। लेकिन अज्ञात खतरों के डर से वह कुछ कह नहीं पाते।’’ मुखपत्र में कहा गया कि बीजेपी पोषित सोशल मीडिया ‘प्रचारक’ भी सिन्हा को गलत साबित नहीं कर पाएंगे।
इसमें आरोप लगाए गए कि एक ओर जहां उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाने के लिए कई योजनाओं की आलोचन हो रही है वहीं सरकार उन्हें सफल दिखाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। गौरतलब है कि सिन्हा ने ‘‘आई नीड टू स्पीक अप नाऊ’’ शीर्षक से एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर अर्थव्यवस्था को डुबोने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने नोटबंदी को सुस्त अर्थव्यवस्था की आग में घी डालने वाला बताया है। साथ जीएसटी में भी खामियां बताईं है।सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम में लगे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखाएंगे।
सिन्हा ने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज हो रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और साथ में जीडीपी भी गिर रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और व्यापार पर काफी फर्क पड़ा है।