दो साल के लम्बें अंतराल के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पूर्व सहयोगी योगेंद्र यादव ने एक बार फिर हाथ मिलाने का फैसला किया है।
कई सिविल सोसायटी समूह ट्रेड यूनियन और राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी और स्वराज अभियान का एक हिस्सा है। ‘द मिंट’ ने समाचार एजेंसी PTI के हवाले से बताया कि दक्षिणपंथी फासीवाद के खिलाफ दोनों का एकजूट होकर एक मंच पर आना तय किया है।
इस बैठक में संयुक्त रूप से दोनों की ही तरफ से कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। आप के दिलीप पांडे, स्वराज अभियान के यादव, समाजिक कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी, सीपीआई (एमएल) रेड स्टार के के एन रामचंद्रन, और पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया।
मंच ने सोमवार को घोषणा की कि लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतांत्रिक गठबंधन के रूप में बिल भेजा जाएगा व मंच 5 अक्टूबर को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित करेगा जिसमें पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या और गाय संरक्षण के नाम पर हो रही हत्याओं सहित कई मुद्दों पर विरोध किया जाएगा।
मंच द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, अब जवाब देने का समय है। सभी नागरिकों में दक्षिणपंथी फासीवाद के खिलाफ व्यापक रोष है। लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी लोग एकजुट होकर इसके लिए आगे है।
इस बारें में अधिक जानकारी देते हुए बताया गया कि 5 अक्टूबर को यह रैली मंडी हाउस और जंतर मंतर के बीच 1 बजे के बीच आयोजित की जाएगी। जबकि आपको बता देकि हाल के दिनों में, इन दलों ने संयुक्त रूप से नर्मदा बचाव आंदोलन का समर्थन किया था।