क्या PM मोदी की हिंदुस्तान टाइम्स के मालिक के साथ हुई मीटिंग के बाद एडिटर इन चीफ को किया गया बाहर?

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हिंदुस्तान टाइम्स के मालिक शोभना भरतिया ने इस महीने के शुरूआत में 11 सितंबर को अचानक एक बयान जारी कर अखबार के एडिटर इन चीफ बॉबी घोष को बाहर निकालने की घोषणा कर दी। शोभना ने अपने बयान में कहा कि निजी कारणों की वजह से बॉबी घोष न्यूयॉर्क लौट रहे हैं, इस खबर को साझा कर मैं बहुत निराश हूं।

बता दें कि बॉबी घोष एचटी डिजिटल स्ट्रीम लिमिटेड के साथ मात्र 14 महीने रहे। लेकिन इतने कम समय में भी उन्होंने इस कंपनी के अंदर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। उनके नेतृत्व में अखबार के न्यूजरूम में बोल्ड विचारों को अपनाया गया और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता से जगह दी गई।

इसके बावजूद शोभना भरतिया द्वारा अचानक से घोष को निकाले जाने की घोषणा करना हैरान करने वाला था। पूर्व संपादक संजय नारायणन की जगह लेने के बाद घोस निरंतर अखबार को एक नई दिशा देने को लेकर प्रयासरत रहे। उन्होंने अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों और जहर उगलने वालों के खिलाफ कई ऐसे अभियान शुरू किए जो काफी हद तक कारगर साबित हुए।

घोष ने अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान ही बीजेपी नेताओं के आंख की किरकिरी बन गए थे, क्योंकि उन्होंने अपने अभियान के तहत सोशल मीडिया पर नफरत फैसले वाले कई बीजेपी नेताओं को निशाने पर लिया था। यही वजह है कि घोष से बीजेपी नेता और मोदी सरकार दूर ही रहती थी।

इस बीच द वायर वेबसाइट ने यह खुलासा किया है कि घोष को हिंदुस्तान टाइम्स से बाहर निकालने से कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी और अखबार की चेयरपर्सन शोभना भरतिया के बीच एक गुप्त बैठक हुई थी। वेबसाइट के मुताबिक कथित तौर पर दोनों के बीच चली इस बैठक में घोष के कार्यकाल के दौरान किए गए अखबार के संपादकीय फैसले को लेकर सरकार और बीजेपी द्वारा सवाल उठाए गए थे।

हालांकि, शोभना भरतिया और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मोदी के दबाव में घोष को निकाले जाने की खबरों के झूठा करार दिया है। बता दें कि बॉबी घोष को हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार से निकाले जाने के बाद सुकुमार रंगनाथन को नया एडिटर इन चीफ बनाया गया है।

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