आतंकवाद को मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा करार देते हुए भारत ने शनिवार(23 सितंबर) को कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने पर सहमत नहीं हो सकती तो फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद की समस्या का कैसे मुकाबला करेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जिन समस्याओं का समाधान तलाश रहा है उनमें आतंकवाद सबसे ऊपर है।
(AP Photo)सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर हम अपने शत्रु को परिभाषित नहीं कर सकते तो फिर मिलकर कैसे लड़ सकते हैं? अगर हम अच्छे आतंकवादियों और बुरे आतंकवादियों में फर्क करना जारी रखते हैं तो साथ मिलकर कैसे लड़ेंगे? अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने पर सहमति नहीं बना पाती है तो फिर हम मिलकर कैसे लड़ सकते हैं?
सुषमा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन का परोक्ष रूप से हवाला दे रही थीं जिसने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रयास को बार-बार अवरुद्ध करने का काम किया है। आतंकवाद पर यूएन में चारों खाने चित हुए पाक सुषमा स्वराज ने हर मोर्चे पर खरी-खरी सुनाई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में सुषमा ने कहा कि भारत ने आईआईटी, एम्स, आईआईएम बनाए, डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनाए। लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादी और जेहादी पैदा किए। डॉक्टर मरते हुए लोगों की जिंदगी बचाते हैं और आतंकी जिंदा लोगों को मौत के घाट उतारते हैं।
सुषमा ने पाक के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के भारत पर लगाए गए सभी आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया, लेकिन आतंकवाद पर उनकी सबसे ज्यादा बखिया उधेड़ी। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत तो गरीबी से लड़ रहा है, लेकिन पड़ोसी हमसे लड़ रहा है। जो हैवानियत की हदें पार कर लोगों को मार रहा है, वह हमें इंसानियत और मानवाधिकार का सबक सिखा रहा है।
सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए पाक की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। लेकिन पूरी दुनिया को पता है कि कहानी किसने बदरंग की, इसका जवाब अब्बासी को देना है। सुषमा स्वराज के भाषण की सोशल मीडिया पर खासी तारीफ हुई। पीएम मोदी ने भी अपनी विदेश मंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संयुक्त राष्ट्र में अतुल्य भाषण। उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत को बेहद गौरवान्वित किया है।